Rourkela News: शहर के संगठनों ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, पूछा-बीपीयूटी का मुख्यालय राउरकेला में, तो कार्निवाल भुवनेश्वर में क्यों?
Rourkela News: बीपीयूटी का कार्निवल भुवनेश्वर में आयोजित किये जाने पर शहर के सामाजिक संगठनों ने सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर आपत्ति जतायी है.
Rourkela News: बीजू पटनायक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (बीपीयूटी) का कार्निवल महोत्सव भुवनेश्वर में आयोजित किये जाने पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता ने विमल बिसी समेत कई संगठनों ने कड़ी आपत्ति जतायी है. एडीएम की अनुपस्थिति में राउरकेला महानगर निगम की संयुक्त आयुक्त के जरिये मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी नाराजगी से अवगत कराया है. इसमें कहा गया है कि जब बीपीयूटी का मुख्यालय राउरकेला में है, तो इसका महोत्सव यहीं आयोजित किया जाना चाहिए. ज्ञापन में इस मामले को लेकर आपत्ति के कारणों से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है. कहा गया है कि बीपीयूटी का मुख्यालय राउरकेला में स्थित है, जो इसे महोत्सव की मेजबानी के लिए स्वाभाविक विकल्प बनाता है.
राउरकेला में महोत्सव होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलता बढ़ावा
सामाजिक संगठनों की ओर से सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि राउरकेला में विभिन्न क्षेत्रों में अपार प्रतिभाएं हैं, और यह महोत्सव स्थानीय कलाकारों और उद्यमियों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा. राउरकेला में महोत्सव की मेजबानी करने से स्थानीय व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. वहीं क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को लेकर कहा गया है कि राउरकेला ओडिशा के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में प्रतिनिधित्व और मान्यता का हकदार है और महोत्सव की मेजबानी से क्षेत्रीय संतुलन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कहा गया है कि इस निर्णय पर वे विचार करें और भविष्य में बीपीयूटी कार्निवल महोत्सव तथा अन्य समारोहों के लिए राउरकेला को ही स्थान चुनें.
बीपीयूटी मुख्यालय के सामने किया गया प्रदर्शन
वहीं 4 नवंबर 2024 को भुवनेश्वर में किये गये उद्घाटन समारोह की निंदा की गयी तथा बीपीयूटी मुख्यालय राउरकेला के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. विराेध प्रदर्शन व ज्ञापन सौंपने में सचेतन नागरिक मंच के पीपी राय, विमल कुमार बिसी, राउरकेला बचाओ संस्था के प्रतीक मिश्रा, अरुण बारिक और पशुपति चटर्जी, सुंदरगढ़ जिला शिल्पांचल श्रमिक सभा के नेता दिगंबर मोहंती, एक्स सर्विसमैन संस्था के पदाधिकारी, जगन्नाथ सेना के चक्रांत जेना, फकीरुद्दीन, पवन खालसा, आर्त्त महाराणा, राउरकेला विकास मंच के सुमन दत्ता, सामाजिक कार्यकर्ता मुक्तिकांत बिस्वाल व अन्य शामिल रहे.
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