Bhubaneswar News: किसानों और कृषि की उन्नति के बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं : द्रौपदी मुर्मू
Bhubaneswar News: ओयूएटी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने का आह्वान छात्रों से किया.
Bhubaneswar News: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को भुवनेश्वर में ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी) के 40वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया. राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत दिवस छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के मार्ग को प्रशस्त करता है. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अब एक नये वातावरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां उनके ज्ञान और कौशल की वास्तविक परिस्थितियों में कड़ी परीक्षा होगी. उन्होंने छात्रों से अपेक्षा की कि वे अपने अर्जित ज्ञान और कौशल का सर्वोत्तम उपयोग करके राष्ट्र निर्माण में योगदान दें. उन्होंने छात्रों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य में अपने नवीन विचारों और समर्पित प्रयासों से योगदान देने का आह्वान किया.
प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक शोषण पर जतायी चिंता
राष्ट्रपति ने कहा कि एक समय था, जब हम खाद्यान्न के लिए अन्य देशों पर निर्भर थे. आज हम खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं. यह उपलब्धि हमारे कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और किसानों की अथक मेहनत के कारण संभव हुई है. उन्होंने कहा कि देश का समग्र विकास किसानों और कृषि के विकास के बिना संभव नहीं है. कृषि, मत्स्य उत्पादन और पशुधन के विकास से हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है. हालांकि, उन्होंने कृषि क्षेत्र के समक्ष आने वाली नयी चुनौतियों, जैसे प्राकृतिक आपदाएं, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव, घटते खेतों के आकार और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक शोषण पर चिंता व्यक्त की. कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए वैज्ञानिकों को समय पर नयी तकनीकों का विकास और प्रसार करना होगा. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, मिट्टी और जल संरक्षण तथा प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर देने की आवश्यकता पर बल दिया.
कृषि के क्षेत्र में समस्याओं का समाधान ढूंढ़ें युवा वैज्ञानिक
राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दे, जैसे बढ़ता तापमान और ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि, कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे इन सभी समस्याओं का समाधान निकालें. रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से भी नयी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिनके कारण मिट्टी, जल और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि युवा वैज्ञानिक इन समस्याओं का समाधान ढूंढने में सक्षम होंगे और भारतीय कृषि क्षेत्र को एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की ओर ले जायेंगे. इस अवसर पर राज्यपाल रघुवर दास, उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, ओयूएटी के कुलपति प्रो पीके राउल व अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है