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पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जैविक किसान कमला पुजारी का निधन

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात जैविक किसान कमला पुजारी का शनिवार को निधन हो गया. उन्होंने धान की 100 किस्मों की खेती कर अपनी अलग पहचान बनायी थी.

भुवनेश्वर. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और प्रख्यात जैविक किसान कमला पुजारी का शनिवार को किडनी से संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया. वह 74 वर्ष की थीं और उनके दो बेटे तथा दो बेटियां हैं. सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के सूत्रों ने यह जानकारी दी. पुजारी को किडनी से संबंधित बीमारी को लेकर दो दिन पहले कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था तथा उनका इलाज करने के लिए मेडिसिन विभाग, नेफ्रोलॉजी विभाग और पल्मोनोलॉजी विभाग के चार डॉक्टरों की एक टीम बनायी गयी थी. मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर जयंत पंडा के नेतृत्व वाली टीम पुजारी की देखभाल कर रही थी. उन्होंने शनिवार की सुबह दम तोड़ दिया. इससे पहले उन्हें तबीयत बिगड़ने पर जयपुर जिला मुख्यालय अस्पताल से कटक लाया गया था.

2002 में जीता था इक्वेटर इनीशिएटिव अवॉर्ड

कोरापुट जिले के बैपारीगुड़ा ब्लॉक के पतरापुट गांव में जन्मी पुजारी जैविक खेती की समर्थक थीं और उन्होंने धान की 100 किस्मों की खेती की थी. वह एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से जुड़ी थीं. उन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. वह 2018 में राज्य योजना बोर्ड की सदस्य थीं और 2004 में ओडिशा सरकार ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से सम्मानित किया था. उन्होंने 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ‘इक्वेटर इनीशिएटिव अवॉर्ड’ भी जीता था.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कमला पुजारी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया मंच पर जारी एक पोस्ट में कहा कि मुझे ओडिशा की प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और कृषक कमला पुजारी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. चावल और अन्य फसलों की विभिन्न किस्मों के दुर्लभ और लुप्तप्राय बीजों के संरक्षण की दिशा में उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने किसानों, विशेषकर महिला किसानों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा दिया. जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा. उनके शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कमला पुजारी जी के निधन से दुख हुआ. उन्होंने कृषि में उल्लेखनीय योगदान दिया, विशेष रूप से जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और स्वदेशी बीजों की रक्षा करने में. स्थिरता को समृद्ध करने और जैव विविधता की रक्षा करने में उनके काम को वर्षों तक याद किया जायेगा. वह जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिहाज से भी एक प्रकाशस्तंभ थीं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.

मुख्यमंत्री ने देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किये जाने की घोषणा की. माझी ने फोन पर पुजारी के पुत्र टंकधर पुजारी से भी बात की. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवंगत कमला पुजारी एक असाधारण गुणी, साधिका और त्यागी महिला थीं. सैकड़ों देशी चावल और अन्य अनाज के बीजों को बचाकर और जैविक खेती को बढ़ावा देकर उन्होंने मानव समाज के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुरक्षित किया. पर्यावरण संरक्षण में उनके अमूल्य योगदान को प्रदेश एवं देश कभी नहीं भूलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका जाना पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है. ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बयान में कहा कि कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा.

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