Rourkela News: तमिलनाडु की एक कपड़ा फैक्ट्री में फंसी सुंदरगढ़ जिले के लेफ्रिपाड़ा इलाके की 15 युवतियों को लेकर उनके अभिभावक वापस आ गये हैं. नौकरी देने के नाम पर इन युवतियों को वहां प्रताड़ित किया जा रहा था. लौटी युवतियों ने बताया कि अब कभी दूसरे राज्य में काम करने नहीं जायेंगी. जानकारी के अनुसार इन युवतियों के अभिभावक 24 तारीख को तमिलनाडु गये थे. बुधवार की सुबह 6 बजे कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाली युवतियों को लेकर पहुंचे. विदित हो कि युवतियों को सिलाई प्रशिक्षण के लिए कटक के एक निजी संस्थान में भेजा गया था. लेकिन कटक में 45 दिनों के प्रशिक्षण के बाद उक्त संगठन ने युवतियों को तमिलनाडु की एक कपड़ा फैक्ट्री में भेज दिया. लेकिन उस फैक्ट्री में काम करने वाली युवतियों को बीमार होने पर भी काम करने के लिए मजबूर किया जाता था. इसका पता चलने पर इन युवतियों के अभिभावकों ने प्रशासन से तमिलनाडु में फंसी युवतियों को लाने में मदद की गुहार लगायी. कोसल समाज की ओर से इन युवतियों को वापस लाने की मांग पर 12 घंटोें के सुंदरगढ़ बंद का भी आह्वान किया गया था. लेकिन इसका नतीजा नहीं निकला . अंततः . कोई अन्य साधन न मिलने पर अभिभावक स्वयं युवतियों को लाने के लिए तमिलनाडु गये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है