Rourkela News: मालगाड़ी के बस्ती में घुसने से सहमे लोग, बोले-अब हॉर्न सुनकर लग रहा डर

Rourkela News: राउरकेला में बुधवार सुबह मालगाड़ी के बेपटरी होकर झुग्गी में घुसने के बाद लोग भयभीत दिखे. पहली बार इस तरह का हादसा होने से लोग हतप्रभ थे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2025 12:04 AM

Rourkela News: राउरकेला में मालगोदाम के पास बुधवार की सुबह एक मालगाड़ी मौत की ट्रेन बनकर दौड़ी. यह मालगाड़ी बेकाबू होने के बाद अपनी पटरी छाेड़कर सड़क पर आ गयी. गनीमत रही कि मालगाड़ी मौत की ट्रेन बनते-बनते रह गयी. जिससे एक भयानक हादसा टल गया है. लेकिन इस दुर्घटना से मालगोदाम बस्ती के लोगों में अभी भी आतंक बना हुआ है, सभी की चेहरों पर भय की लकीरें साफ देखी जा सकतीं हैं. कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस हादसे से पूर्व रात के समय लगातार चलती मालगाड़ी से लेकर एक्सप्रेस ट्रेन के हॉर्न से डर नहीं लगता था, अब तो ट्रेनों के गुजरने की आवाज से दिल बैठने लगा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मालगाड़ी के दीवार से टकराने से इतनी जोर से आवाज हुई, कि वे अपने बच्चों के साथ जान बचाने के लिए घर से बाहर आ गये. सुबह करीब छह बजे हुए इस हादसे के बाद बसंती कॉलोनी-मालगोदाम मार्ग घंटों जाम रहा. इसकी सूचना पर मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी.

पहले भी हुए हादसे, लेकिन पहली बार सड़क तक पहुंची ट्रेन

स्थानीय निवासी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह 6 बजे मालगाड़ी शंटिंग हो रही थी. सहायक चालक वॉकी-टॉकी लेकर खड़ा था लेकिन यह काम नहीं कर रहा था. जिस कारण ट्रेन यहां तक पहुंच गयी. हादसे में एक नया ऑटो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. पहले भी ऐसे हादसे हुए, लेकिन पहली बार सड़क तक पहुंची. ट्रेन की चपेट में आने से नष्ट हुए टेंपो चालक की बेटी दुर्गा साहू ने कहा कि जो टेंपो क्षतिग्रस्त हुआ, वह हमारा ही था. मेरे मामा का टेंपो भी पास ही खड़ा था, लेकिन वह बच गया. हमारे टेंपों की मरम्मत भी नहीं हो सकती. पिताजी टेंपो यहां खड़ी कर गांव गये हुए थे. हमारे आय का यही एकमात्र साधन था. हमें कुछ नहीं चाहिए, सिर्फ हमारी टेंपो वापस मिल जाये.

ऐसा हादसा फिर न हो, इसके लिए प्रबंध करे रेलवे

पूर्व पार्षद समर तंती ने कहा कि मालगोदाम के स्टॉक यार्ड, जहां हमेशा मालगाड़ी में माल लोड होता है, बुधवार को अनलोडिंग के बाद ट्रेन अनियंत्रित होकर मालगोदाम बस्ती की ओर चली आयी. हादसे में कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ. आगे ऐसा हादसा न हो, इसके लिए रेलवे प्रबंध करे. भाजपा कार्यकर्ता आशा नायडू ने कहा कि सुबह अचानक हमारी नजर पड़ी कि ट्रेन उलटी दिशा में आ रही है. मैं उस समय अपने घर के दरवाजे पर ही बैठी हुई थी. हमने शोर मचाना शुरू किया. दौड़कर ट्रेन के चालक को बताया कि गाड़ी बस्ती में घुस चुकी है. जिनका नुकसान हुआ उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.

हादसे के बाद सहमे हैं लोग

मालगाड़ी के बस्ती में घुसने के बाद स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. स्थानीय नवासी ललिता जेना ने कहा कि मैं अभी तक डरी हुई हूं. सुबह का मंजर याद कर खौफ महसूस हो रहा है. सुबह 6:00 बजे के लगभग यह घटना घटी. उस समय हम दिनचर्या की शुरुआत ही कर रहे थे. जहां हादसा हुआ और जो दुकान चपेट में आयी है उसके ठीक पीछे ही मेरा घर है. अशोक चौधरी ने कहा कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय अकसर कल्याणी देवी, सरस्वती विद्या मंदिर, सरस्वती शिशु मंदिर के विद्यार्थी स्कूल जाते हैं. इसके अलावा बसंती कॉलोनी के लोग भी इसी मार्ग से जाते हैं. यह लोग अगर चपेट में आते तो बड़ा हादसा हो जाता. सीताराम दत्ता ने कहा कि बड़ा हादसा टला है. बगैर गार्ड के यह ट्रेन थी और किसी तरह की निगरानी नहीं थी. नतीजतन ट्रेन की चार बोगी दीवार को तोड़ते हुए सड़क तक आ गयी. अगर बस्ती में ट्रेन घुस जाती, तो कई लोगों की जान चली जाती. सौ से ज्यादा मकान यहां पर हैं.

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