अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह में शामिल दंपती को पुलिस ने हैदराबाद से किया गिरफ्तार
राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी के आरोपी दंपती आंध्र प्रदेश निवासी हरीश कुरापति उर्फ हैरी और साैजन्या कुरापति उर्फ लिसा को गिरफ्तार किया है.
– कंबोडिया से होता था गिराेह का संचालन, साइबर धोखाधड़ी के पीछे चाइनीज मास्टर माइंड प्रतिनिधि, राउरकेला साइबर क्राइम के मामले में राउरकेला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. राउरकेला पुलिस ने जनवरी में अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया था. अब दो और लोगों को गिरफ्तार करने में सफल हुई है. आरोपी दंपती आंध्र प्रदेश निवासी हरीश कुरापति उर्फ हैरी और साैजन्या कुरापति उर्फ लिसा हैं. बुधवार को राउरकेला एसपी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस कप्तान मित्रभानु महापात्र तथा एसडीपीओ उपासना पाढ़ी ने इस बारे में जानकारी दी. —————- कंबोडिया से लौटने पर आव्रजन अधिकारियों ने पकड़ा बताया कि दिसंबर, 2023 में केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ कर्मचारी से 67 लाख 70 हजार रुपये की धोखाधड़ी हुई थी. 30 दिसंबर को राउरकेला साइबर थाना को सूचना देने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की. पता चला कि साइबर धोखाधड़ी समूह कंबोडिया में स्थित था और रैकेट का संचालन कर रहा था. गिरोह के सदस्य देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय थे. पुलिस को पता चला कि इस मामले में कुल 16 लोग शामिल थे. बाद में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया और बाकी साइबर अपराधियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया. दो दिन पहले हैरी और लिसा कंबोडिया से भारत लौटे थे. जब वे हैदराबाद हवाई अड्डे पर उतरे, तो उन्हें आव्रजन अधिकारियों ने पकड़ लिया. ——————— ओडिशा, झारखंड समेत कई राज्यों के लोगों को गिरोह ने लगाया चूना इस गिरोह ने ओडिशा समेत बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड में सैकड़ों लोगों को ठगा है. गिरोह ने डेटिंग एप्स के माध्यम से 200 से अधिक लोगों से संपर्क किया और उनसे क्रिप्टोकरेंसी, शेयर बाजार आदि में निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी की है. हैरी और उसकी पत्नी नागा वेंकट साैजन्या कुरापति उर्फ लिसा का लक्ष्य भारतीय पुरुष थे, जिनकी प्रोफाइल वे विभिन्न डेटिंग साइटों से ढूंढ़ते थे और फिर लड़कियों की तरह उनसे बात करना शुरू करते थे. एक बार जब वे उनका विश्वास हासिल करने में कामयाब हो गये, तो वे उन्हें क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने का लालच देते थे. ————– चीनी बॉस अपराधियों को काम करने पर करते थे मजबूर, मना करने पर करते थे प्रताड़ित एसपी ने बताया कि आगे की जांच में पता चला है कि चीनी बॉस उनके पासपोर्ट ले लेते थे और उन्हें ऐसे काम करने के लिए मजबूर करते थे. यदि कोई इनकार करता या भागने की कोशिश करता है, तो उस व्यक्ति को शारीरिक शोषण, एकांत कारावास और अन्य प्रकार की यातनाएं देने की धमकी देते थे. पूछताछ में लिसा ने कबूल किया कि वह 40 से अधिक लोगों को ठगने में कामयाब रही. जिसमें एक व्यक्ति से दाे करोड़ रुपये की ठगी भी हुई है. इसे लेकर कुल 210 मामले दर्ज हुए हैं.