भुवनेश्वर,बंगाल की खाड़ी में बनी चक्रवात जैसी स्थिति के कारण अगले चार दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) की ओर से जतायी गयी है. आइएमडी के मुताबिक, रविवार से ही इसका प्रभाव दिखने लगा है. भुवनेश्वर, कटक, पुरी समेत कई तटवर्ती जिलों में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गयी है. वहीं, सोमवार को 18 जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो वर्निंग जारी की गयी है. इनमें मलकानगिरी, कोरापुट, नवरंगपुर, रायगड़ा, गजपति, कालाहांडी, गंजाम, कंधमाल, नयागढ़, खुर्दा, अनुगूल, संबलपुर, देवगढ़, सुंदरगढ़, क्योंझर, भद्रक, बालेश्वर और मयूरभंज शामिल है. मलकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा और कंधमाल में 12 से 20 सीएम तक बारिश हो सकती है. अन्य जिलों में गरज के साथ सात से 11 सीएम तक बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के भुवनेश्वर आंचलिक केंद्र की ओर से 17 जुलाई तक सतर्क रहने की सूचना जारी की गयी है. मौसम वैज्ञानिक सुरेंद्रनाथ पशुपालक के आकलन के मुताबिक, सात दिन के भीतर बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में दो निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय हो रहा है. रविवार को बंगाल की खाड़ी के उत्तर में चक्रवात जैसी स्थिति बनी है, जो सोमवार को चक्रवात में परिवर्तित हो सकती है. 16 जुलाई को ओडिशा से रायपुर तक फैला होगा. 17 जुलाई को यह मध्यप्रदेश की ओर बढ़ेगा. वहीं 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी के उत्तर में एक और चक्रवात जैसी स्थिति सक्रिय हो जायेगी. यह दो दिन तक ओडिशा से सटे समुद्र में रहेगी. बाद में यह 21 और 22 जुलाई को झारखंड की ओर आगे बढ़ेगी. इसके प्रभाव में ओडिशा के लगभग सभी जिलों में बारिश होने की संभावना उन्होंने व्यक्त की है. इधर, एक अन्य वैज्ञानिक डॉ संजीव द्विवेदी ने कहा कि जून से 13 जुलाई तक कम से कम 250 मीमी बारिश होने को सामान्य माना जाता है. लेकिन इस अवधि में राज्य में सामान्य से 27 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड हुई है.
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