राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा में रखी 6400 करोड़ की छह परियोजनाओं की आधारशिला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में 6400 करोड़ रुपये की छह परियोजनाओं की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रोटोकॉल तोड़कर ओडिशा का कई बार दौरा किया.

By Guru Swarup Mishra | December 7, 2024 8:46 PM

भुवनेश्वर/रायरंगपुर/बांगरिपोसी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर ओडिशा और अपने पैतृक जिले मयूरभंज का कई बार दौरा किया. आमतौर पर राष्ट्रपति के रूप में अपने राज्य और जिले का दौरा करने का प्रावधान नहीं है. हालांकि, उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़ दिया और इस क्षेत्र के लोगों की कठिनाइयों के कारण बार-बार यहां का दौरा किया. इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वह अपनी ओर से जो भी संभव है, करती हैं. वे शनिवार को ओडिशा की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन बांगरिपोसी में सभा को संबोधित कर रही थीं.

दंडबोश में नये विमान टर्मिनल की भी रखी गयी आधारशिला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में 6400 करोड़ रुपये की छह परियोजनाओं की आधारशिला रखीं, जिसमें तीन नयी रेलवे लाइन परियोजना बांगिरीपोसी-गोरुमाहिसानी, बुढ़ामरा-चाकुलिया और बादामपहाड़- केंदुझरगढ़ शामिल है. इनके पूरा होने से ओडिशा का देश के अन्य राज्यों से संपर्क बढ़ेगा. इसके अलावा राष्ट्रपति ने ऑनलाइन माध्यम से रायरंगपुर में तीन अन्य परियोजनाओं जनजातीय अनुसंधान एवं विकास केंद्र, 100 बेड का उप-मंडल अस्पताल और ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू के पैतृक गांव दंडबोश में नये विमान टर्मिनल की भी आधारशिला रखीं. मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम सहित अन्य मौजूद रहे.

झारखंड की राज्यपाल थीं, तो कई बार रेल मंत्री से मिलीं

राष्ट्रपति ने कहा कि जब वह झारखंड की राज्यपाल थीं, तब उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में रेलवे के विकास के लिए दबाव बनाने के वास्ते कई बार मौजूदा रेल मंत्री से मुलाकात की थी. जब वह वर्ष 2000 में ओडिशा की परिवहन मंत्री थीं, तो वह तत्कालीन रेल मंत्री से राज्य में इस क्षेत्र के विकास के लिए अनुरोध किया था. हालांकि, इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका. अब वे प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को किये जा रहे कार्यों के लिए धन्यवाद देती हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का प्यार और स्नेह उन्हें यहां तक खींच लाया है. वह यहां के लोगों, इस स्थान और इसकी आवश्यकताओं को जानती हैं. वह अपने कार्यकाल के दौरान, जहां तक संभव होगा, इस क्षेत्र के लिए काम करती रहेंगी. राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि वह किसी से कोई अनुचित अनुरोध नहीं कर रही हैं. मुर्मू ने कहा कि मयूरभंज की कुछ जरूरतें हैं. यह राज्य का सबसे बड़ा जिला है. उसने (सरकार ने) इस जिले की जरूरत को समझा है. इसलिए वह उसके सहयोग के लिए उसका आभार व्यक्त करती हैं.

केंद्र सरकार के ‘पूर्वोदय’ दृष्टिकोण से ओडिशा को मिल रहा है लाभ

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि रेल परियोजनाएं और हवाई अड्डा क्षेत्र में परिवहन, वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा देंगे. 100 बिस्तरों वाला नया अस्पताल स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ‘पूर्वोदय’ दृष्टिकोण से ओडिशा को लाभ मिल रहा है. शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, पर्यटन और परिवहन पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पूरे क्षेत्र के विकास को गति मिल रही है. आदिवासी बच्चों के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं. ओडिशा में 100 से अधिक नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 23 मयूरभंज जिले में हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करने के बाद आदिवासी बच्चे समाज और देश की प्रगति में योगदान दे सकेंगे.

तीन नयी रेलवे लाइन रोजगार के अवसर पैदा करेगी : रेल मंत्री


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि तीन नयी रेलवे लाइन रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में मदद करेंगी और क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करेंगी, जिससे आदिवासी बहुल क्योंझर और मयूरभंज जिलों में संपर्क बढ़ेगा. नयी लाइनें खनिज समृद्ध क्षेत्रों से कच्चे माल के परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगी. 82 किलोमीटर लंबी बादामपहाड़-केंदुझरगढ़ लाइन मयूरभंज और क्योंझर जिलों से होकर गुजरेगी. इस परियोजना का विकास अनुमानित 2,106 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. बांगिरीपोषी-गोरुमाहिषानी लाइन 2,549 करोड़ रुपये की लागत से बनायी जाएगी, जो 86 किलोमीटर लंबी है. मयूरभंज जिले को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से जोड़ने वाली 60 किलोमीटर लंबी बुढ़ामरा-चाकुलिया लाइन 1,639 करोड़ रुपये की लागत से बनायी जाएगी.

रायरंगपुर में ट्राइबल रिसर्च सेंटर खुलने से आदिवासियों की संस्कृति की रक्षा होगी : मुख्यमंत्री


ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि रायरंगपुर में ट्राइबल रिसर्च सेंटर खुलने से बालेश्वर, मयूरभंज और क्योंझर के आदिवासियों की संस्कृति की रक्षा होगी. यह सेंटर उसके प्रसार एवं संरक्षण में कारगर साबित होगा. युवक-युवतियों में कौशल विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन होगा. ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू के पैतृक गांव दंडबोश में नये विमान टर्मिनल का निर्माण होने से विकसित ओडिशा का गठन होगा तथा पर्यटन का भी विकास होगा. कार्यक्रम में केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री ज्वेल उरांव, मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्रा, मयूरभंज के सांसद नवचरण माझी, राज्य सभा सांसद ममता महतो, दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा के अलावा अन्य विधायक एवं भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे. कार्यक्रम समाप्ति के बाद लगभग 12:30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हेलीकॉप्टर से नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गयीं.

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