Rourkela News: स्मार्ट सिटी के पार्कों में शुक्रवार को पुलिस ने क्यू-आर कोड लगा दिया है. पुलिस-पब्लिक रिश्ते को दोस्ताना बनाने के इरादे से यह पहल की गयी है. ताकि लोग इस क्यूआर कोड के जरिये पुलिस के पास किसी भी तरह की सूचना, शिकायतें आदि पहुंचा सकें. इससे पहले शहर के सभी पार्कों में पुलिस की तैनाती भी की गयी थी, ताकि यहां आने-जाने वाले लोगों को एक सुरक्षित माहौल मिल सके. अब क्यू-आर कोड लगाकर इस सुविधा को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. हाल के दिनों में राउरकेला पुलिस लगातार अलग-अलग पहल कर रही है, ताकि शहरवासियों को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी जा सके.
शहर के 80 पार्क में लगाये गये क्यू-आर कोड
राउरकेला एसपी नीतेश वाधवानी ने बताया कि फिलहाल शहर के 80 पार्कों में यह क्यू-आर कोड लगाये गये हैं. इसका रिस्पांस मिलने के बाद अगर जरूरत पड़ी, तो अन्य पार्कों में भी इसे लगाया जायेगा. पार्क के उन हिस्सों में, जहां सभी नजर पड़ती है, यह क्यूआर कोड लगाये गये हैं.कैसे करेगा काम
क्यू-आर कोड पूरी तरह से सिपाही पर आधारित है. इसमें स्कैन कर जो भी सूचनाएं या शिकायतें दी जायेंगी, वह सीधे सिपाही के पास पहुंचेंगी. जिसके बाद सिपाही अपने स्तर पर शिकायतकर्ता के पास पहुंचकर उनकी शिकायतों व समस्याओं का समाधान करेंगे. इसके अलावा लोगों के साथ दोस्ताना संबंध भी रखेंगे, ताकि हर तरह की सूचना पुलिस के पास पहुंचे.एसपी खुद करेंगे मॉनिटरिंग
हर सप्ताह इस क्यूआर कोड के जरिये कितनी शिकायतें मिलीं और सिपाही ने क्या-क्या कदम उठाये, इसकी समीक्षा खुद एसपी करेंगे. इसके लिए सभी पार्क में लगे क्यूआर कोड से जुड़े सिपाहियों को बैठक में बुलाया जायेगा. जिसके बाद पुलिस के पास एक डेटाबेस तैयार होगा कि किस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं और लोगों को किन बातों से ज्यादा समस्या हो रही है.पार्क में तैनात रहेंगे सिपाही, इंस्पेक्टर भी करेंगे पेट्रोलिंग
राउरकेला पुलिस की ओर से शहर के सभी पार्क के लिए एक सिपाही की तैनाती की गयी है, जो पार्क खुलने से लेकर बंद होने के बाद तक वहां ड्यूटी देंगे. इसके अलावा संबंधित थाना के प्रभारी भी नियमित वहां पेट्रोलिंग करेंगे, ताकि जो भी काम किये जा रहे हैं, वह सही से हो रहे हैं या नहीं इसकी पूरी पड़ताल हो सके.अतीत में कई बड़ी वारदातें हुई हैं शहर के पार्कों में
दरअसल स्मार्ट सिटी में कई बड़ी वारदातें विभिन्न पार्कों में हुई हैं. फिर चाहे वह सेंसोरी पार्क से सहायक जिलापाल का शव मिलना हो, सेंसोरी पार्क के पास स्थित आरएमसी पार्क में नाबालिग से दुष्कर्म, उदितनगर फिटनेस पार्क में जानलेवा हमला, यह सभी वारदातें कहीं ना कहीं पार्क से जुड़ी थीं. लिहाजा शहर के पार्कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में यह पहल की गयी हैं. चूंकि पार्कों में सैकड़ों की संख्या में लोगों का आना-जाना होता है, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे सभी शामिल होते हैं, तो ऐसे में असामाजिक तत्वों की नजरें भी यहां रहती हैं. अत: उन्हें नियंत्रित करने के इरादे से यह पहल की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है