आधुनिक तकनीक से रत्न भंडार की जांच की जायेगी : जस्टिस रथ
रत्न भंडार की निगरानी के लिए बनी समिति की बैठक सोमवार को हुई. इसमें रत्न भंडार की मरम्मत पर विचार-विमर्श किया गया. जल्द ही इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपा जायेगा.
भुवनेश्वर. रत्न भंडार की निगरानी के लिए बनी समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को आयोजित हुई. समिति के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी, एएसआइ की कतनीकी कमेटी के सदस्य समेत कमेटी के अन्य सदस्य इस बैठक में उपस्थित थे. बैठक के बाद जस्टिस रथ ने कहा कि आज रत्न भंडार के आभूषणों की गिनती को लेकर कोई बात नहीं हुई. केवल रत्न भंडार की मरम्मत पर जोर दिया गया. श्रीमंदिर के ढांचा पर किसी प्रकार की समस्या न आये, महाप्रभु की नीतियों में कोई गड़बड़ी न हो एवं श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसे ध्यान में रखकर कैसे रत्न भंडार की मरम्मत की जा सकेगी इस बारे में बैठक में विचार-विमर्श किया गया. उन्होंने कहा कि इस काम में अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर लंबी अवधि के लिए मरम्मत कार्य किया जायेगा. भंडार के बाहर और अंदर मरम्मत में सबसे उत्कृष्ट और उपयोगी उपकरणों का इस्तेमाल किया जायेगा. इसे लेकर एएसाइ तकनीकी कमेटी के सदस्य सरकार के साथ विचार विमर्श कर निर्धारित करेंगे. वहीं श्रीमंदिर के रत्न भंडार का काम समयबद्ध तरीके से किया जायेगा.
रत्न भंडार को पूरी तरह खाली किया जायेगा
न्यायमूर्ति रथ ने बताया कि रत्न भंडार के अंदर कोई भी मरम्मत कार्य करने से पहले सभी अलमारियों और संदूकों को स्थानांतरित किया जायेगा. यह निर्णय लिया गया है कि मंदिर प्रशासन अलमारियों को स्थानांतरित करने के लिए एक कमरा चुनेगा और पूरे रत्न भंडार को खाली कर दिया जायेगा. यह पहले एसओपी में नहीं था. उन्होंने कहा कि समिति ने निरीक्षण के लिए नवीनतम तकनीक और गैर-विनाशकारी उपकरणों का उपयोग करने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया है. रिपोर्ट के आधार पर और अगर कुछ पाया जाता है, तो हम आगे बढ़ेंगे और रत्न भंडार की मरम्मत के लिए कदम उठायेंगे. हम एसओपी में कुछ जोड़ने के लिए प्रबंध समिति को इसकी सिफारिश कर रहे हैं और बाद में इसे ओडिशा सरकार को भेजा जायेगा. मरम्मत कार्यों के बाद ही रत्नों की गणना की प्रक्रिया के लिए कदम उठाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि अन्य मंदिरों में भी इसी तरह के कई काम किये गये हैं. हम ओडिशा सरकार से एएसआइ से पूर्व परामर्श के बाद आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करेंगे. धन की कोई बाधा नहीं होगी.
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