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Rourkela News: स्पेशल ऑडिट टीम ने सौंपी रिपोर्ट, आरजीएच में 15 करोड़ के भ्रष्टाचार का खुलास

Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल में भ्रष्टाचार की जांच स्पेशल ऑडिट टीम ने की थी. जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गयी है.

Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद एनएचएम की निरीक्षण टीम ने इसकी जांच की थी. वहीं, मामले की तह तक जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्पेशल ऑडिट भी करायी गयी. जिसमें भुवनेश्वर से आयी ऑडिट टीम ने जांच के बाद रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में 15 करोड़ रुपये का घोटाला होने की जानकारी दी गयी है. वहीं सभी खर्चों की सही राशि की पुष्टि के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी को कहा गया है. अन्यथा यह राशि वसूलने की अनुशंसा की गयी है. लेकिन इस मामले को लेकर कब तक कार्रवाई होती है, इसका इंतजार सभी को है.

आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने नियोजित कर्मचारियों का नहीं बनाया उपस्थिति रजिस्ट्रर

जानकारी के अनुसार, आरजीएच में आयी स्वास्थ्य विभाग की ऑडिट टीम विभिन्न अनियमितता को उजागर करने में सफल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, मेसर्स परितोष सर्विसेज ने आरजीएच में हाउसकीपिंग सर्विस के लिए स्टाफ उपलब्ध कराये थे. इसके लिए परितोष सर्विसेज को 1 सितंबर, 2019 से 30 अप्रैल, 2024 तक 7 करोड़ 46 लाख 798 रुपये का भुगतान किया गया. लेकिन इसके लिए नियोजित कर्मचारियों को लेकर किसी प्रकार की उपस्थिति का रिकॉर्ड नहीं मिला है. वहीं, यह राशि किस मद में आवंटित की गयी है, इसका भी स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है. इसी प्रकार, मेसर्स एलएंडके नामक संस्था की ओर से आरजीएच में अटेंडेंट के लिए स्टाफ उपलब्ध कराये गये. एक जनवरी, 2023 से 31 अगस्त, 2024 तक उन्हें बिना जीएसटी के 2 करोड़ 11 लाख 80 हजार 540 रुपये मिले हैं. बताया गया है कि 66 अटेंडेंट, 6 लिफ्ट ऑपरेटर, 4 ऑक्सीजन ऑपरेटर, 3 माली नियुक्त किये गये हैं. लेकिन इतने कर्मचारियों की उपस्थिति का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसलिए यह खर्च स्पष्ट नहीं होने के कारण यह पैसा भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा रहा है.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से कदम उठाने की सिफारिश

मेसर्स सरला सिक्योरिटी सर्विसेज की ओर से आरजीएच को सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराये गये थे. इस संस्था को 1 अगस्त 2019 से 30 अप्रैल 2024 तक 5 करोड़ 93 लाख 39 हजार 299 रुपये का भुगतान किया गया है. लेकिन किसी सुरक्षा गार्ड को लेकर उपस्थिति रिकॉर्ड नहीं है. अत: ये व्यय अस्पष्ट दस्तावेजों के कारण इसे जालसाजी व झूठे बिल से जोड़कर देखा जा रहा है. इस टीम ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को इन सभी फंडों को इकट्ठा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सिफारिश की है.

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