Odisha News: राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठक की. इस बैठक में विशेष राहत आयुक्त देवरंजन कुमार सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक संजय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. समीक्षा के बाद मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राज्य के सभी 30 जिलों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है. मलकानगिरी जिले में सबसे अधिक बारिश हुई है. कोरापुट भी भारी बारिश से काफी प्रभावित हुआ है. संभावित आपात परिस्थितियों की आशंका के चलते सभी जिला अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये गये हैं. भारी बारिश के बावजूद किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. अधिकारियों ने संभावित बचाव कार्यों के लिए 80 नौकाए तैनात की हैं और हेलीकॉप्टर भी तैयार रखा गया है.
12 जिलों में 30 ओडीआरएएफ टीमें तैनात
विशेष राहत आयुक्त कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए 12 जिलों और भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) में 30 ओडीआरएएफ टीमों को तैनात किया है. इसके अतिरिक्त, मलकानगिरी में सात अग्निशमन दल तैनात किये गये हैं. पुरी, नयागढ़, गंजाम और कटक जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गयी हैं तथा बटालियन मुख्यालय में दो और टीमें स्टैंड बाय पर हैं. आवश्यकता पड़ने पर बड़े पैमाने पर निकासी प्रयासों में सहायता के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी तैयार है. इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने आपातकालीन कार्यों के लिए एक हेलीकॉप्टर को स्टैंड बाय पर रखने की व्यवस्था की है. मलकानगिरी में 14 मेडिकल टीमें और पांच पशु चिकित्सा टीमें तैनात हैं. 14 राहत शिविर स्थापित किये गये हैं. राहत प्रयासों में सहायता के लिए मलकानगिरी में 500 पॉलीथिन पैकेट भेजे गये हैं और आज 1500 अतिरिक्त पैकेट भेजे जा रहे हैं.
मलकानगिरी और कोरापुट में नि:शुल्क रसोई की व्यवस्था करने के निर्देश
राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों को बाढ़ जैसी स्थिति से प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए निःशुल्क रसोई की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. कमजोर व्यक्तियों की पहचान करना और उन्हें सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करना सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में लिया गया है. कच्चे घरों, झोपड़ियों या निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की पहचान करना और यदि आवश्यक हो तो उन्हें सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाने के निर्देश दिये गये हैं.
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