सरकारी स्वायत्त कॉलेज की सात एकड़ जमीन पर आरएमसी का कब्जा, नहीं हो पा रहा विकास

पानपोष सरकारी स्वायत्त कॉलेज की करीब सात एकड़ जमीन पर आरएमसी ने दुकानदारों का पुनर्वास किया था. इस स्थल को सालों बाद भी खाली नहीं किया गया है, जिससे यहां विकास कार्य नहीं हो पा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 22, 2024 12:14 AM

राउरकेला. राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) ने पानपोष अंचल के दुकानदारों को अस्थायी दुकानें उपलब्ध कराने के नाम पर सरकारी स्वायत्त कॉलेज परिसर स्थित करीब सात एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है. विस्थापित दुकानदारों को नये मार्केट कॉम्प्लेक्स में स्थानांतरित करने के बाद भी आरएमसी यह परिसर खाली नहीं कर रही है. इसके बजाय निगम के कुछ अधिकारियों ने इस क्षेत्र में सैकड़ों दुकानें खोलने की अनुमति दी है. इस वजह से पिछले चार साल में इस इलाके में 300 से ज्यादा अस्थायी दुकानें खुल गयी हैं. इतना ही नहीं, इस स्थान पर आरएमसी का कोल्ड स्टोरेज, सुलभ शौचालय, ऑटो स्टैंड और अस्थायी सब्जी बाजार बना है. इधर, आरएमसी द्वारा जमीन कब्जा किये जाने से कॉलेज का विस्तार प्रभावित हो रहा है. यहां विकास कार्य नहीं हो पा रहा है. बताया गया कि अस्थायी सब्जी बाजार की आरएमसी ने नीलामी की है. जबकि आरएमसी की उपायुक्त अनिता नायक ने इस बारे में पूछने पर बताया कि आरएमसी 300 से अधिक दुकानदारों से एक भी रुपया टैक्स नहीं वसूल रही है. जिससे यह जांच का विषय है कि नीलामी के नाम पर वसूले गये लाखों रुपये आरएमसी के किस अधिकारी की जेब में जा रहे हैं.

छात्रों ने पूर्व मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेज जतायी थी नाराजगी

कॉलेज की जमीन खाली नहीं होने पर 200 से अधिक छात्रों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और 5टी सचिव वीके पांडियन को पोस्टकार्ड भेजकर अपनी नाराजगी जतायी थी. उन्होंने कहा था कि आरएमसी के द्वारा कॉलेज की जमीन पर कब्जा किये जाने से यहां विकास कार्य नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी आरएमसी आयुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया था. लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. सरकार बदलने के बाद अलग-अलग तबकों से जगह खाली करने की मांग तेज हो गयी है. क्योंकि आने वाले दिनों में सरकारी कॉलेज को यूनिवर्सिटी में बदलने का प्रस्ताव है.

कॉलेज के विकास को बनायी जा रही हैं कई परियोजनाएं

उच्च शिक्षा विभाग ने ऑटोनॉमस कॉलेज परिसर के अंतर्गत आने वाले दोनों कॉलेजों को अलग करने का आदेश दिया है. यहांं जैसे-जैसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है, अन्य परियोजनाओं की भी योजना बनायी जा रही है. इन सभी दृष्टिकोण से आरएमसी द्वारा कब्जा की गयी कॉलेज की जमीन को खाली कराना आवश्यक हो गया है. आरएमसी उपायुक्त अनिता नायक ने कहा कि 150 अस्थायी दुकानदारों में से 115 को नये बाजार में स्थानांतरित कर दिया गया है. अब केवल 35 दुकानदार ही बचे हैं. वहीं अन्य दुकानदारों का आरएमसी द्वारा पुनर्वास नहीं किया गया है. 35 दुकानदारों को नये बाजार में शिफ्ट करने के लिए विभागीय वरीय पदाधिकारी जो निर्णय लेंगे, उसके अनुसार काम होगा. वर्तमान यहां केवल अस्थायी सब्जी बाजार ही चल रहा है.

पानपोष मार्केट कॉम्प्लेक्स बनने के बाद भी खाली नहीं हुई जमीन

कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय कुमार बेहेरा ने बताया कि 2005 में भूमि आवंटन समिति ने कॉलेज को करीब 35 एकड़ जमीन दी थी. इसमें से 12 डिसमिल जमीन वाटको को पानी टंकी निर्माण के लिए दी गयी. 2019 में आरएमसी ने सात एकड़ जमीन पर 150 अस्थायी दुकानदारों को बसाया. लेकिन पानपोष का न्यू मार्केट कॉम्प्लेक्स बन जाने के बाद भी जगह खाली नहीं हुई है. यदि यह जगह खाली हो जाये, तो कॉलेज के भविष्य के विकास कार्यों के लिए जमीन उपलब्ध हो पायेगी, अन्यथा पैसा आने पर भी काम नहीं हो पायेगा. साथ ही उनका कहना था कि कॉलेज की जमीन कॉलेज के अधीन रहना ही बेहतर है.

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