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Rourkela News : हाइटेक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के आइसीयू में इलाजरत मरीज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

Rourkela News : हाइटेक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आइसीयू में इलाजरत मरीज की मंगलवार को मौत के बाद परिजनों ने हंगामा मचाया और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया.

मरीज के परिजनों को अस्पताल प्रबंधन ने बताया- मरीज ने कूदकर दी जान, परिजनों ने लगाया साजिश का आरोप

-कुआरमुंडा प्रखंड के पातेर लोनेंगर गांव के 39 वर्षीय मनोज डुंगडुंग का शुक्रवार से चल रहा था इलाज

-सबसे सुरक्षित वार्ड में हुई घटना के कारण परिजनों ने जताया संदेह

-लीवर की बीमारी से पीड़ित थे मनोज, आइसीयू में थे भर्ती

-मनोज के परिजनों ने निष्पक्ष जांच की रखी मांग

Rourkela News :

हाइटेक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आइसीयू में इलाजरत मरीज की मंगलवार को मौत के बाद परिजनों ने हंगामा मचाया और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि मरीज खुद खिड़की से कूद गया जिससे उसकी मौत हो गयी है. वहीं परिजनों का कहना है कि इसके पीछे कोई साजिश है. क्योंकि शुक्रवार से इलाजरत मरीज को आइसीयू से नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट करने की बात कही गयी थी, लेकिन अचानक से उनकी ऐसे मौत की बात कही जा रही है, जो स्वीकार नहीं है. सूचना पाकर रघुनाथपल्ली थाने की पुलिस पहुंची. पुलिस जांच में जुट गयी है. इधर, मनोज के परिजनों ने अस्पताल की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये

शुक्रवार से इलाजरत था मरीज

सुंदरगढ़ जिले के कुआरमुंडा प्रखंड अंतर्गत पातेर लोनेंगर गांव के 39 वर्षीय मनोज डुंगडुंग का शुक्रवार से इलाज चल रहा था. पत्नी सुधा डुंगडुंग के अनुसार लीवर जनित समस्या के बाद पति को हाइटेक अस्पताल लाया गया था. जहां अस्पताल की दूसरी मंजिल में स्थित आइसीयू में इलाज चल रहा था. उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट करने की बात कही गयी थी. लेकिन अचानक उनकी मौत की खबर दी गयी है. जो स्वीकार नहीं है. उनके साथ कोई न कोई अनहोनी हुई है, इसकी जांच कर सच्चाई सामने लायी जानी चाहिए.

आइसीयू की सुरक्षा पर सवाल:

किसी भी अस्पताल के आइसीयू वार्ड को सबसे सुरक्षित माना जाता है. जहां पर इस तरह की घटना होने पर परिजन सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, आइसीयू में हमेशा चिकित्सक और नर्सिंग कर्मचारियों की निगरानी में मरीज रहते हैं. ऐसे में हुई घटना कई तरह के सवाल खड़े कर रही है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. वहां भर्ती अन्य मरीजों के बयान भी लिये जाएंगे जिससे सबकुछ सामने आने की उम्मीद है. इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन का पक्ष अभी तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है.

परिजनों ने की नारेबाजी

मनोज के परिजनों और शुभचिंतकों ने मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. कहा कि आइसीयू में मरीज के परिजनों को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती. ऐसे में हमारे मरीज के साथ क्या हुआ हमें कैसे पता चलेगा?

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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