आरएसपी के मैकेनिकल शॉप के कर्मचारियों ने क्रिटिकल पिंच रोल्स को किया विकसित

बॉटम पिंच रोल को प्लेट मिल से स्क्रैप यूनिवर्सल स्पिंडल का उपयोग करके निर्मित किया गया

By Prabhat Khabar News Desk | July 16, 2024 12:02 AM

राउरकेला,राउरकेला इस्पात संयंत्र के मैकेनिकल शॉप के मेहनती कर्मचारियों ने उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके इन-हाउस हॉट स्ट्रिप मिल-2 (एचएसएम-2) के लिए क्रिटिकल पिंच रोल्स को सफलतापूर्वक विकसित करके नवोन्मेषी और लागत-प्रभावी होने का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है. इससे कंपनी को पर्याप्त बचत हुई है और उपकरणों की उपलब्धता में सुधार हुआ है, जिससे सुचारू उत्पादन सुनिश्चित हुआ है. मिल के संचालन के लिए आवश्यक ये रोल्स हॉट-रोल्ड प्लेटों को पिंच करने और उन्हें कॉइलर मैंड्रेल में डालने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, जो प्लेटों को तैयार क्वायल्स में बदल देता है. शीर्ष पिंच रोल मूल रूप से मिल के चालू होने के दौरान आपूर्ति की गयी थी. इसके बाद मूल उपकरण निर्माता (ओइएम) से अतिरिक्त रोल खरीदे गए, जिनकी पूरी असेंबली की लागत प्रति सेट 9 करोड़ से अधिक थी. खरीद की भारी लागत और पिंच रोल के लिए आवश्यक ड्राइंग की अनुपस्थिति ने कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश की. मैकेनिकल शॉप ने चुनौती स्वीकार की. डिजाइन विभाग को मौजूदा नमूनों से ड्राइंग विकसित करने की जिम्मेदारी प्रदान की गयी. शीर्ष रोल बैरल को 9 टन कास्ट स्टील का उपयोग करके फाउंड्री में ढाला गया और फिर मशीनिंग के लिए मैकेनिकल शॉप में भेजा गया. होम्मा वर्टिकल बोरर का उपयोग करते हुए, बैरल को विनिर्देशों के अनुसार मशीनीकृत किया गया.प्लेट मिल के स्क्रैप किए गए यूनिवर्सल स्पिंडल से निर्मित शीर्ष पिंच रोल के सिरों को मशीन से बनाया गया और बैरल में सिकोड़कर फिट किया गया.शीर्ष पिंच रोल की अंतिम मशीनिंग वर्तमान में प्रगति पर है और आवश्यक मजबूती प्राप्त करने के लिए क्लैडिंग के लिए इसे स्ट्रक्चरल और फैब्रिकेशन शॉप में भेजा जाएगा. इसी तरह, बॉटम पिंच रोल को प्लेट मिल से स्क्रैप यूनिवर्सल स्पिंडल का उपयोग करके निर्मित किया गया है. बॉटम रोल के लिए क्लैडिंग प्रक्रिया स्ट्रक्चरल और फैब्रिकेशन शॉप में चल रही है. दोनों रोल की अंतिम मशीनिंग के बाद, डिलीवरी से पहले सतहों को आवश्यक विनिर्देशों के अनुसार घिस कर पोलिश किया जाएगा.पिंच रोल सेट को आंतरिक रूप से बनाने में केवल 10 लाख की लागत आई है, जिससे लागत में भारी बचत हुई है. —————

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