इस बार फेस्टिवल सीजन में चार लाख करोड़ से अधिक की बिक्री की उम्मीद : कैट

कैट पिछले चार वर्षों से चीनी सामग्री के बहिष्कार को लेकर मुहिम चला रहा है. इस बार फेस्टिव सीजन में चार लाख करोड़ से अधिक स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होने की उम्मीद जतायी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2024 10:48 PM

राउरकेला. देश भर के व्यापारियों का शीर्ष संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) पिछले चार वर्षों से त्योहारों के समय भारतीय उत्पाद खरीदने और चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम चलाये हुए है. इस मुहिम का असर यह हुआ है कि उपभोक्ताओं में भारतीय सामान खरीदने के प्रति जागरूकता बढ़ी है तथा चीनी सामानों के प्रति उदासीनता आयी है. कैट के नेशनल वाइस चेयरमैन बृजमोहन अग्रवाल तथा राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि रक्षा बंधन से शुरू होकर 15 नवंबर को तुलसी विवाह के दिन तक त्योहारी अवधि के दौरान सामानों की बिक्री के माध्यम से देश के बाजारों में लगभग चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री होने की उम्मीद है. यह बिक्री भारतीय वस्तुओं की खरीदी से ही होगी. इस वर्ष की त्योहार की श्रृंखला रक्षा बंधन से शुरू होकर जन्माष्टमी, 10 दिवसीय गणेश उत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा सहित अन्य त्योहारों के साथ तुलसी विवाह के दिन संपन्न होगी. इस अवधि के दौरान उपभोक्ताओं की मांगों की पूर्ति के लिए देश का व्यापारिक समुदाय पूरी तरह तैयार है और पर्याप्त मात्रा में सभी उत्पादों का स्टॉक कर लिया है. कैट के मुताबिक देश के सभी राज्यों में व्यापारी भारतीय सामान ही बेचेंगे क्योंकि उपभोक्ता भी अब भारतीय सामान की मांग कर रहे हैं.

12 हजार कराेड़ के राखी के कारोबार की उम्मीद : प्रवीण खंडेलवाल

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया राखियों की हुई मांग में वृद्धि को देखते हुए इस वर्ष लगभग 12 हजार करोड़ रुपये के राखी के व्यापार की उम्मीद है. पिछले वर्ष यह लगभग 10 हज़ार करोड़, वर्ष 2022 में लगभग सात हजार करोड़ रुपये, 2021 में 6 हजार करोड़ रुपये, वर्ष 2020 में पांच हजार करोड़ , वर्ष 2019 में 3500 करोड़ तथा वर्ष 2018 में 3 हज़ार करोड़ का था.

शहरों के मशहूर उत्पाद से बनीं राखियां आकर्षण का केंद्र रहीं : बृजमोहन अग्रवाल

कैट के नेशनल वाइस चेयरमैन बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष देश के विभिन्न शहरों के मशहूर उत्पादों से विशेष प्रकार की राखियां भी बनायी गयी हैं. जिनमें नागपुर में बनी खादी राखी, जयपुर में सांगानेरी राखी, पुणे में बीज राखी, मध्य प्रदेश के सतना में ऊनी राखी, आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस की राखी, असम में चाय पत्ती राखी, कोलकाता में जूट राखी, मुंबई में रेशम राखी, केरल में खजूर राखी, कानपुर में मोती राखी, बिहार में मधुबनी और मैथिली कला राखी, पांडिचेरी में सॉफ्ट पत्थर की राखी, बेंगलुरु में फूल राखी आदि शामिल हैं वहीं देश का गर्व प्रदर्शित करने वाली तिरंगा राखी, वसुधैव कुटुंबकम की राखी, भारत माता की राखी आदि शामिल हैं जिनकी काफी मांग रही. इसके अलावा डिजाइनर राखियां तथा चांदी की राखियां भी बाजार में खूब बिकीं.

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