Sambalpur News: पश्चिमांचल एकता मंच की ओर से संबलपुर जेल चौक स्थित गुरु सत्यनारायण संबलपुरी डेरा में चौथे चार दिवसीय राष्ट्रीय महोत्सव का आगाज रविवार को हुआ. इसका उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि पद्मश्री जितेंद्र हरिपाल, विशेष अतिथि संबलपुरी संस्कृति के शोधकर्ता डॉ निमाई चरण पंडा, डॉ श्यामसुंदर धर, उत्पन्न भोई, शिवशंकर पुजारी, गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के मुख्य डॉ अतुल्य प्रधान ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. अतिथियों ने गुरु श्री सत्यनारायण बोहिदार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
संबलपुरी हैंडलूम और खाने-पीने लगे हैं स्टॉल
संबलपुरी बांधकला के पुरोधा राधेश्याम मेहर की जीवनी और बांधकला पर आयोजित प्रदर्शनी का अतिथियों ने उद्घाटन किया था. इसमें संबलपुरी हैंडलूम और खाने-पीने के सामानों के स्टॉल लगाये गये हैं. शिल्प विकास की ओर से प्रकाशित संबलपुरी कैलेंडर और पद्मपुर से प्रकाशित संबलपुरी पत्रिका बाट कढ़ुआल का अतिथियों ने विमोचन किया. एक अगस्त को विभिन्न स्थानों पर संबलपुरी दिवस मनाने वाले सामाजिक संगठनों और गुरु सत्यनारायण की प्रतिमा बनाने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. संबलपुरी लेखक उत्पन्न भोई ने कहा कि बरगढ़ से अलग होने के बाद संबलपुर जिला संबलपुरी भाषा व संस्कृति से जुड़ा हुआ है. अतिथियों ने कहा कि हमें संबलपुरी होने पर गर्वित होना चाहिए. राष्ट्रीय संबलपुरी सम्मेलन राज्य और राज्य के बाहर रहने वाली सभी संबलपुर प्रेमियों को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रहा है. शिवशंकर पुजारी ने कहा कि सम्मेलन की वजह से संबलपुरी भाषा आंदोलन को मजबूती मिली है. डॉ श्यामसुंदर धर ने संबलपुरी भाषा, संस्कृति, साहित्य और परंपरा के प्रचार-प्रसार में पश्चिमांचल एकता मंच की भूमिका की सराहना की. डॉ निमाई चरण पंडा ने संबलपुरी डेरा में संबलपुरी के प्रचार-प्रसार के लिए किये जा रहे प्रयासों को सराहा.
सांस्कृतिक दलों ने संबलपुरी गीत और नृत्य पेश किया
विभिन्न विद्यालय के छात्र छात्राओं के बीच संबलपुरी वाक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. सुषमा प्रधान और स्वयंप्रभा पंडा ने प्रतियोगिता का संचालन किया था. देर शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें विशेष अतिथि पूर्व विधायक नाउरी नायक, संबलपुर लोक महोत्सव के संयोजक प्रफुल्ल होता, पश्चिमांचल एकता मंच के सलाहकार श्यामा प्रसाद मिश्र उपस्थित थे. दिलीप दीप और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत हलिया गीत की लोगों ने काफी सराहाना की. विद्याश्री कला परिषद, बलांगीर से आये सांगामापा कला परिषद समेत विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा संबलपुरी गीत और नृत्य पेश किया गया. मानस षाड़ंगी, सुनील महानंद, अरुण राजहंस, दिलीप दीप ने अपने गीतों से सबका दिल जीत लिया. सांस्कृतिक संयोजक दशरथ मेहर के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में राजेश स्वांई ने सहयोग किया. मानस मिश्र और सत्यनारायण साहू ने कार्यक्रम का संचालन किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है