Jharsuguda News: जीआरपी व आरपीएफ के सहायता केंद्र में कर्मचारियों का टोटा, यात्रियाें की सुरक्षा पर भी उठ रहे सवाल
Jharsuguda News: झारसुगुड़ा रोड स्टेशन रेलवे की उपेक्षा का शिकार है. यहां जीआरपी व आरपीएफ के एक-एक सहायता केंद्र हैं, लेकिन उममें कर्मचारी नहीं हैं.
Jharsuguda News: झारसुगुड़ा जिले का झारसुगुड़ा रोड स्टेशन वर्षों से रेलवे की उपेक्षा का शिकार है. यहां यात्रियों की सुरक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधा का टोटा है. साथ ही इस स्टेशन में रेलवे के अपने कर्मचारी ही सुरक्षित नहीं हैं. स्टेशन में केवल लोगों को दिखाने के लिए जीआरपी व आरपीएफ का एक-एक सहायता केंद्र खोला गया है. लेकिन उक्त दोनों केंद्र कब खुलता है, किसी को पता नहीं है और ना ही यहां आरपीएफ व जीआरपी का कोई सिपाही या जवान नजर आता है. इस संबंध में जब जीआरपी के थानाधिकारी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का अभाव होने के कारण यहां किसी कर्मचारी को पदस्थ नहीं किया जा रहा है.
रोजाना नौ ट्रेनों का होता है ठहराव, सैकड़ों यात्री करते हैं आना-जाना
झारसुगुड़ा रोड स्टेशन पर प्रति दिन नौ ट्रेनों का ठहराव होता है और करीब 800 से अधिक यात्री यहां से रोजाना आना-जाना करते हैं. इसमें महिला यात्री भी शामिल रहती हैं. वहीं संबलपुर की ओर से आने वाली ट्रेनों को बृंदामाल स्टेशन के बाद लाइन क्लियर नहीं मिलती है, तो वे ट्रेनें घंटों झारसुगुड़ा रोड स्टेशन में खड़ी रहती हैं. शहर से दूर के कारण इस स्टेशन में असामाजिक तत्वों का बोलबाला बना रहता है. इस प्रकार की स्थिति में यहां एक भी सुरक्षाकर्मी का नहीं रहना चिंता का विषय है. साथ ही सुरक्षा के लिए यहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है.
सहायता केंद्र खुलने व बंद होने का समय किसी को नहीं है पता
यहां पर हाल ही में एक ट्रेन का प्लेटफॉर्म अचानक बदल जाने से आक्रोशित यात्रियों ने स्टेशन मास्टर के साथ हाथापाई भी कर ली थी. इस प्रकार कि स्थिति के समय भी यहां एक भी सुरक्षाकर्मी उपस्थित नहीं था. वहीं स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर केवल दो एल्युमीनियम के स्टॉल लगाकर उस पर आरपीएफ व जीआरपी का बोर्ड लगा दिया गया है. लेकिन उक्त दोनों स्टॉल के खुलने व बंद होने के समय के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.
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