श्रीजगन्नाथ पूरे ब्रह्मांड के देवता, दोबारा नहीं होगी ऐसी दुर्घटना : मोहन चरण माझी
बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक के पत्र का जवाब ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने विनम्र तरीके से दिया है. उन्होंने आडप मंडप में हुई दुर्घटना पर दुख जताया. कहा कि ऐसा फिर नहीं होगा.
भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आडप मंडप बिजे के दौरान भगवान बलभद्र के साथ हुई दुर्घटना के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता (एलओपी) नवीन पटनायक के पत्र का विनम्र तरीके से जवाब दिया है. मुख्यमंत्री श्री माझी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा. श्री माझी ने अपने पत्र में कहा कि महाप्रभु श्रीजगन्नाथ केवल ओडिया जाति की अस्मिता के प्रतीक ही नहीं हैं, पूरे ब्रह्मांड, स्वर्ग, मृत्यु व पाताल लोक के नाथ है. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि आडप मंडप हादसे के बारे में जानकारी मिलने के बाद मैंने उपमुख्यमंत्री प्रभाति परिडा और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को तुरंत पुरी जाने का निर्देश दिया. आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ध्यान देने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री श्री माझी ने अपने पत्र में कहा कि मैंने इस मामले पर आपके द्वारा मुझे भेजे गये पत्र को ध्यान से पढ़ा है. हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि चतुर्धा मुर्ति व श्रीगुंडिचा यात्रा की सेवाएं सही तरीके से संचालित हों. मैं आपकी सलाह का हमेशा सम्मान के साथ स्वागत करूंगा.
रत्न भंडार खोलने के लिए कल तक जारी होगी एसओपी : कानून मंत्री
पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार (खजाना) को खोले जाने को लेकर न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा वाली एसओपी एक या दो दिन में सार्वजनिक कर दी जायेगी. यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि रत्न भंडार को खोले जाने को लेकर एसओपी की जांच की जा रही है और शनिवार तक सरकार द्वारा इसे मंजूरी दे दी जायेगी. उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति द्वारा सुझायी गयी एसओपी की सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. एसओपी के कानूनी पहलू सहित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा रहा है. एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.
आडप मंडप में हुए हादसे की जांच शुरू
आडप पहंडी हादसे पर सवाल के उत्तर में श्री हरिचंदन ने कहा कि इस मामले में सरकार ने गुरुवार को प्राथमिक कार्रवाई शुरू कर दी है. आगे की जांच चल रही है. तदनुसार कार्रवाई की जायेगी. उल्लेखनीय है कि उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली रत्न भंडार समिति ने सरकार को 14 जुलाई को रत्न भंडार खोलने की सिफारिश की थी. इस प्रस्ताव को मंदिर प्रबंधन समिति ने भी मंजूरी दे दी थी. रत्न भंडार पर 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने नौ जुलाई को अपनी पहली बैठक में एसओपी तैयार की थी और रत्न भंडार को खोलने की तारीख 14 जुलाई रखने संबंधी प्रस्ताव दिया था.
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