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सिंहद्वार के सामने पहुंचे तीनों रथ, श्रीजगन्नाथजी की प्रसिद्ध गुंडिचा रथयात्रा आज

पुरी में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा रविवार को निकाली जायेगी. इसकी तैयारी पूरी हो गयी है. पुलिस-प्रशासन ने भी इसके लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किये हैं.

भुवनेश्वर. पुरी में भगवान जगन्नाथ जी की रविवार को आयोजित होने वाली रथयात्रा के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. शनिवार को रथ खला (रथों के निर्माण स्थल) से तीनों रथों को लाकर श्रीमंदिर के सिंहद्वार के सामने लगा दिया गया है. रथयात्रा आयोजित होने वाले मार्ग (बडदांड) में धीरे-धीरे श्रद्धांलुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. रविवार को महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र व देवी सुभद्रा रत्न सिंहासन छोड़कर अपने मौसी श्रीगुंडिचा के यहां की यात्रा प्रारंभ करेंगे. भव्य आयोजन से पहले, मंदिर के सेवायतों ने शनिवार को तीन विशाल रथों के लिए ‘आज्ञा माला बिजे’ अनुष्ठान किया. मंदिर में ‘सकाल धूप’ के पूरा होने के बाद यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया गया. मंदिर के गर्भगृह से आज्ञा माला लाने के बाद, वरिष्ठ सेवायत शोभायात्रा के रूप में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के पास गये और वहां अनुष्ठान किया. आज्ञा माला बिजे अनुष्ठान के बाद, भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के तीन रथों नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन को भक्तों और पुलिस कर्मियों द्वारा खींचा गया और श्रीमंदिर के सिंहद्वार के सामने खड़ा कर दिया गया.

तटरक्षक बल व नौसेना हाई अलर्ट पर

प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए पुरी को पहले से ही कड़ी सुरक्षा के घेरे में रखा गया है। तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. सात जुलाई को रथयात्रा के दिन पुरी में 10 लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी समुद्री पुलिस स्टेशनों को त्योहार के दौरान व्यापक समुद्री/भूमि गश्त बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं. रथयात्रा किस ढंग से शांतिपूर्ण व व्यवस्थित तरीके से संपन्न होगी, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है. भक्तों द्वारा रथ को खींचे जाने व महाप्रभु के व्यवस्थित दर्शन के लिए पुरी पुलिस द्वारा माक ड्रिल की गयी है. रथयात्रा के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी व्यापक व्यवस्था की गयी है. शहर के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. श्रीमंदिर के भीतर, बाहर, बड़दांड व समुद्र तट पर भी पुलिस द्वारा व्यापक सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं.

मंगल आरती के साथ शुरू होंगे अनुष्ठान

सात जुलाई को अनुष्ठान सुबह 2:00 बजे मंगल आरती के साथ शुरू होंगे और सुबह 4 बजे नेत्र उत्सव बंधन किया जायेगा. दइतापति सेवक सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक छेनापट्टा लागी सेवा करेंगे. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र को दोपहर 1.10 बजे से 2.30 बजे के बीच ‘पहंडी बिजे’ अनुष्ठान में गर्भगृह से उनके संबंधित रथों तक लाया जायेगा. पुरी गजपति दिव्यसिंह देव द्वारा छेरा पहंरा शाम 4 बजे निर्धारित है. भक्त शाम 5 बजे रथ खींचना शुरू करेंगे. शाम 6 बजे रथ खींचना बंद कर दिया जायेगा और अगले दिन फिर से शुरू होगा.

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