राउरकेला. लंबे समय से एक अदद आवासीय परियोजना को तरस रही स्मार्ट सिटी को राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) की खाली (बगैर इस्तेमाल वाली) जमीन से ढेरों उम्मीदें हैं. अकसर जमीन की किल्लत का रोना रोकर नयी परियोजना शुरू करने से बच रहा ओडिशा स्टेट हाउसिंग बोर्ड अगर आरएसपी के इलाकों में बची जमीन पर परियोजना शुरू करता है, तो इसका दोहरा लाभ शहर को मिलेगा. एक तरफ आवासीय समस्या का समाधान होगा, तो दूसरी ओर आरएसपी की जमीन जो धीरे-धीरे अतिक्रमणकारियों के हत्थे चढ़ रही है, उससे भी बचाव हो सकेगा.
तेजी से बढ़ते राउरकेला को चाहिए नये आवास
राउरकेला को ओडिशा के स्टील/स्मार्ट सिटी के रूप में जाना जाता है. यह एक महत्वपूर्ण बढ़ता हुआ औद्योगिक, शैक्षिक और विकसित शहर है. प्रतिष्ठित राउरकेला स्टील प्लांट 1959 में स्थापित किया गया था. जिसका एक सुनियोजित लेआउट है. साथ ही शहर के प्रमुख परिवहन परिदृश्य को कवर करने वाले रिंग रोड समेत एनआइटी राउरकेला और बीपीयूटी जैसे शैक्षिक केंद्र हैं. रणनीतिक रूप से स्थित और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण राउरकेला ओडिशा के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. स्मार्ट सिटी और राज्य की आर्थिक राजधानी के रूप में विकास और वृद्धि की इसकी क्षमता अपार है. लेकिन यह क्षमता काफी हद तक अप्रयुक्त है. शहर के विकास और बढ़ती आबादी को देखते हुए यहां नये आवास की जरूरतें महसूस हो रही हैं.
बीजद ने राउरकेला की उपेक्षा कर भुवनेश्वर को दी तवज्जो
1950 के दशक के उत्तरार्ध में राउरकेला ओडिशा में अवसरों का केंद्र था, जो पुरी के बाद दूसरे स्थान पर था. यह एक ऐसा शहर था, जहां लोग रोजगार के लिए आते थे. तब भुवनेश्वर अपेक्षाकृत अज्ञात था. आज की बात करें तो, भुवनेश्वर व्यापक विकास और सुविधाओं के साथ राजधानी के रूप में विकसित हुआ है, जबकि राउरकेला काफी पीछे है. लगभग एक मिलियन की आबादी होने के बावजूद, जो भुवनेश्वर के लगभग बराबर है, राउरकेला ने समान विकास और वृद्धि नहीं देखी. भुवनेश्वर और राउरकेला के बीच विकास में असमानता स्पष्ट और चिंताजनक है. पिछली बीजद सरकार ने मुख्य रूप से भुवनेश्वर पर ध्यान केंद्रित किया, राउरकेला जैसे अन्य संभावित विकास केंद्रों की उपेक्षा की.
भाजपा की डबल इंजन सरकार विकास के असंतुलन को करे दूर
ओडिशा में नवनिर्वाचित डबल इंजन वाली भाजपा सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. सभी चाहते हैं कि भाजपा सरकार इस असंतुलन को दूर करे और समावेशी विकास को बढ़ावा दे. ओडिशा राज्य आवास बोर्ड की ओर से पिछले दो दशक में राउरकेला के लिए कोई भी उत्पादक आवास योजना शुरू नहीं की गयी है. जबकि भुवनेश्वर में ओडिशा राज्य आवास बोर्ड के कार्यालय के मुकाबले राउरकेला का कार्यालय एक छोटा, अपर्याप्त रूप से कार्यात्मक इकाई बना हुआ है. यह अपर्याप्तता राउरकेला के विकास और इसके निवासियों के कल्याण में बड़ी बाधा है. उदाहरण के लिए हाउसिंग बोर्ड भुवनेश्वर कार्यालय के कर्मचारियों की संख्या 800 से अधिक है और लगभग 20000 हाउसिंग बोर्ड क्वार्टर हैं, जबकि राउरकेला कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या 4 है और लगभग 6000 क्वार्टर 20 साल पहले बनाये गये थे.
ओएसएचबी राउरकेला की 12 में से 10 एकड़ जमीन पर है अवैध कब्जा
ओएसएचबी राउरकेला के पास 12 एकड़ भूमि है, जिसमें से 10 एकड़ भूमि पर जनता ने अनधिकृत रूप से कब्जा कर रखा है. सेल राउरकेला के पास स्टील टाउनशिप क्षेत्र में 6000 एकड़ भूमि है, जिसमें से आज तक लगभग 400 एकड़ भूमि पर जनता ने अनधिकृत रूप से कब्जा कर रखा है. आरएसपी में 70 के दशक में 40000 मैन पावर थी, जो अब 11000 रह गयी है, लेकिन क्वार्टरों की संख्या वही है (लगभग 25000 क्वार्टर). अपने आर्थिक महत्व के बावजूद, राउरकेला में गंभीर आवास संकट देखा जा रहा है.
आवास संकट के कारण आरएसपी से सेवानिवृत्त कर्मी भुवनेश्वर का रुख करने को विवश
आरएसपी से हर महीने औसतन 30-50 लोग सेवानिवृत्त होते हैं. आवास की मांग अधिक है. लेकिन सक्रिय आवास योजनाओं की कमी के कारण आवासीय सुविधाओं की भारी कमी हो गयी है, जिससे लोगों को भुवनेश्वर जैसे शहरों में स्थानांतरित होना पड़ रहा है. इससे न केवल राउरकेला की आर्थिक वृद्धि बाधित होती है, बल्कि शहर में निवेश का भी काफी नुकसान होता है. जिससे मुख्यमंत्री से ओडिशा राज्य आवास बोर्ड को आवास और आवास के लिए उनकी योजना पर विचार करने के लिए फिर से राउरकेला आमंत्रित करने, किफायती आवास परियोजनाओं, झुग्गी पुनर्वास कार्यक्रमों और रियायती ब्याज दरों के साथ आवास ऋण सहित प्रभावी आवास योजनाओं को लागू करने, इन योजनाओं के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए राउरकेला में एक पूर्ण आवास बोर्ड कार्यालय स्थापित करने, आवास विकास के लिए सेक्टर क्षेत्र में अव्यवहृत भूमि का उपयोग करने की मांग की गयी है.
अक्तूबर-नवंबर में ओएसएचबी के प्रतिनिधियों ने किया था राउरकेला का दौरा
अक्तूबर/नवंबर-2023 में ओएसएचबी के प्रतिनिधि राउरकेला आये और आरएसपी अधिकारियों और आरएमसी के साथ चर्चा की, लेकिन परिणाम सिफर रहा. केवल ओएसएचबी ही स्टील टाउनशिप क्षेत्र में अव्यवहृत जमीन का उपयोग करके आवास योजना बना सकता है, क्योंकि सुंदरगढ़ एक अनुसूचित जिला है. मुख्यमंत्री के त्वरित हस्तक्षेप और समर्थन से राउरकेला में आवास संकट को कम करने में मदद मिलेगी, हजारों नागरिकों के जीवन में सुधार होगा और राज्य के समग्र विकास में योगदान मिलेगा.
सचेतन नागरिक मंच ने मुख्यमंत्री को लिखा है पत्र
सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता बिमल बिसी ने राज्य के नये मुख्यमंत्री का ध्यान राउरकेला में प्रभावी आवास योजनाओं के कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता पर कराया है. मंच की ओर से इस आशय का खत मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को प्रेषित किया गया है. उन्होंने इस बाबत प्रभावी पहल का अनुरोध किया है.
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