श्रीमंदिर रत्न भंडार के निरीक्षण और मरम्मत की एसओपी तैयार : अरविंद पाढ़ी

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को आयोजित हुई. इसमें रत्न भंडार के निरीक्षण व मरम्मत समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 5, 2024 11:23 PM

भुवनेश्वर. पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार के निरीक्षण और मरम्मत के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गयी है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की पुरी में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक के बाद एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने यह जानकारी दी. पुरी में प्रबंध समिति की महत्वपूर्ण बैठक के बाद श्री पाढ़ी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रत्नभंडार की खाली अलमारियों और संदूकों को स्थानांतरित करने, नवीनतम वैज्ञानिक उपकरणों से आवश्यक स्कैनिंग करने और रत्न भंडार की मरम्मत के लिए विस्तृत एसओपी तैयार की गयी है.

लेजर स्कैनिंग व अन्य वैज्ञानिक तकनीक के इस्तेमाल पर विचार-विमर्श किया

श्री पाढ़ी ने बताया कि आज की महत्वपूर्ण बैठक में अनेक प्रस्तावों पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि रत्न भंडार के भीतरी और बाहरी कक्ष से सभी आभूषण और कीमती सामान पहले ही हटा दिये गये हैं. अलमारी जैसी पुरानी वस्तुएं अभी भी भीतरी कक्ष में हैं. इसी तरह रत्न भंडार की मरम्मत से पहले इस्तेमाल की जाने वाली लेजर स्कैनिंग और अन्य वैज्ञानिक तकनीकों पर भी चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि एसओपी पर विस्तृत चर्चा की गयी, जिसमें अलमारी समेत खाली सामान को शिफ्ट करना और स्कैनिंग के लिए आइआइटी या सीबीआरआइ द्वारा तकनीकी निरीक्षण शामिल है. ओडिशा सरकार एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी और एएसआइ द्वारा जिस भी तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा, उसे राज्य सरकार को विश्वास में लेने के बाद बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रबंध समिति ने एसओपी को मंजूरी दे दी है और इसे राज्य सरकार को सौंप दिया जायेगा.

श्री जगन्नाथ मंदिर भूमि प्रबंधन नियमों के मसौदे को मिली मंजूरी

अरविंद पाढ़ी ने बताया कि बैठक में श्री जगन्नाथ मंदिर भूमि प्रबंधन नियमों के मसौदे पर भी चर्चा हुई और इसे प्रबंध समिति ने मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद नियमों को लागू किया जायेगा. पाढ़ी ने कहा कि ओबीसीसी ने 35 वातानुकूलित मिनी ई-बसें उपलब्ध करायी हैं. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ओडिशा सरकार को बसों को ओएसआरटीसी या किसी अन्य एजेंसी को सौंपने के लिए कहा जाये. आवश्यक निर्णय के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव पेश किया जायेगा.

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