Bhubaneswar News: ओडिशा के महिला एवं बाल विकास विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से सोमवार को भुवनेश्वर के राज्य महिला और बाल संस्थान में बाल तस्करी को समाप्त करने के लिए राज्य स्तरीय हितधारक परामर्श आयोजित किया. मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री प्रभाति परिडा ने कहा कि बाल तस्करी एक संवेदनशील मुद्दा है और राज्य सरकार इस दिशा में सभी पहलुओं पर प्राथमिकता दे रही है. उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बच्चों की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को कड़ा करने और बच्चों के डिजिटल व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए कानूनों को मजबूत करने का समय आ गया है. वर्तमान स्थिति के मद्देनजर श्रीमती पारिडा ने बाल सुरक्षा के मुद्दे पर एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने, त्वरित कार्रवाई के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और हेल्पलाइन नंबर जारी करने की बात कही. इसके साथ ही, उन्होंने सभी हितधारकों से बाल तस्करी समाप्त करने के लिए मिशन मोड में कार्य करने का आह्वान किया. महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शुभा शर्मा ने कहा कि बाल और महिला तस्करी जैसे घृणित अपराध को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. यूनिसेफ के राज्य प्रमुख विलियम हैंलन जूनियर ने ओडिशा सरकार की बाल तस्करी से लड़ने की प्रतिबद्धता की सराहना की.
रोकथाम, सुरक्षा, अभियोजन और भागीदारी के दृष्टिकोण पर दिया गया जोर
इस कार्यक्रम में ओडिशा सरकार के विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी, जिला बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, बाल हेल्प लाइन नंबर के परियोजना समन्वयक और राज्य से संबंधित प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों के सदस्य भी उपस्थित रहे. खड़गपुर रेलवे सुरक्षा अधिकारी और राज्य पुलिस अधिकारियों ने भी चर्चा में भाग लिया. इस अवसर पर बाल तस्करी के कारणों और रोकथाम पर विस्तृत चर्चा की गयी और 4पी (रोकथाम, सुरक्षा, अभियोजन और भागीदारी) के दृष्टिकोण पर जोर दिया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में मोनिशा बनर्जी (निदेशक, महिला और बाल विकास) ने स्वागत भाषण दिया, जबकि सैमबित कुमार नायक (अतिरिक्त सचिव, महिला और बाल विकास) ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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