भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोकसेवा भवन में गुरुवार देर रात ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन (ओएमसी) की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ओएमसी राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कॉर्पोरेशन है. यदि खनन क्षेत्र को अधिक कुशलता से प्रबंधन किया जाता है, राज्य के राजकोष को अधिक राजस्व आने के साथ-साथ खनन आधारित उद्योगों को भी लाभ मिलेगा. ओडिशा खनिज संसाधनों से समृद्ध है. उन्होंने आधुनिक तकनीक का उपयोग कर राज्य के विभिन्न हिस्सों में खनिज संपदा का सर्वेक्षण और आकलन करने पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने राज्य में और अधिक खनन आधारित उद्योगों की स्थापना पर भी ध्यान देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गयी है.
खदानों के आस-पास शिक्षा, स्वास्थ्य व विकास पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खनन के लिए खनन विभाग के अधीन संस्थानों में सुधार और नवीनतम उपकरणों के साथ कुशल मानव संसाधनों में निवेश से राष्ट्रीय लौह अयस्क संसाधनों का उत्पादन बढ़ेगा. साथ ही मुख्यमंत्री ने खनन प्रदूषण से प्रभावित लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान देने के लिए निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि खनिज क्षेत्रों में ज्यादातर जनजातीय लोग हैं. इसलिए खनन क्षेत्र में लगी कंपनियों को उन इलाकों के जनजातीय लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए काम करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को खदानों के आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, गरीबी उन्मूलन, अच्छी पारगमन प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया.खनन क्षेत्र के निवासियों के जीवन स्तर में लायें सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसआर का बड़ा हिस्सा खनन क्षेत्रों के विकास और निवासियों के जीवन स्तर में सुधार पर खर्च किया जाना चाहिए. इस समीक्षा बैठक में खान एवं इस्पात मंत्री विभुति भूषण जेना, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव निकुंज बिहारी धल, खान एवं इस्पात विभाग के सचिव डीके सिंह, वित्त विभाग के सचिव शाश्वत मिश्र और ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बलबंत सिंह उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है