Rourkela News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाली संस्था व कंपनियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. एनजीटी ने कहा है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के बाद केवल रॉयल्टी भरकर बचा नहीं जा सकता है. झारसुगुड़ा सदर तहसील कुदोपाली पंचायत अंचल में एक निजी संस्था द्वारा गैरकानूनी रूप से माटी व मुरम खनन को लेकर पूर्वांचल जोन में दर्ज एक मामले की सुनवाई के बाद उक्त राय दी गयी है. जानकारी के अनुसार स्टेट एनवायरनमेंट कंपैक्ट एसेसमेंट अथाॅरिटी (एसइआइएए) की ओर से संबंधित संस्था को झारसुगुड़ा व अन्य किसी स्थान से माटी व मुरम खनन के लिए किसी भी प्रकार के परिवेश मंजूरी नहीं दी गयी थी. इससे यह साफ है कि उक्त निजी संस्था ने संपूर्ण रूप से जो खनन किया है, वह गैरकानूनी है. कुदोपाली अंचल में किए गये गैरकानूनी खनन के विरोध में जीतेंद्र प्रधान ने एनजीटी में मामला दायर किया था. इस मामले में झारसुगुड़ा एसपी, अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी ने अपने सत्य पाठ (शपथ) में यह उल्लेख किया था कि माटी व मुरम खनन व इसका अवैध चालान किये जाने की रिपोर्ट किसी आधिकारिक व्यक्ति ने नहीं करायी थी. इस लिए इस पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था. वहीं इस प्रकार के गैरकानूनी खनन के खिलाफ कोई भी सरकारी अधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर बेंच ने इसकी भर्त्सना की. एनवायरनमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी की ओर से परिवेशिय क्षति का आकलन करके संबंधित संस्था के विरुद्ध कार्यानुसार ग्रहण करने के साथ जुर्माने के रुपये दो माह मे वसूलने का निर्देश दिया गया है. एनजीटी कि ओर से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि तथ्यों व 56 हजार घन मीटर मुरुम का गैरकानूनी रूप से खनन किये जाने के अभियोग में सत्यता है. आवेदनकर्ता की ओर से वकील शंकर प्रसाद पाणी ने इस मामले का परिचालन किया. बेंच की ओर से वनखंड अधिकारी को संबंधित संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है. गैरकानूनी खनन के लिए रायल्टी व पेनाल्टी के बाबत सूद सहित 27 लाख 44 हजार का जुर्माना किया गया था जिसमें से उक्त संस्था ने मात्र 13 लाख 78 हजार रुपये ही जमा किया है. बाकी बची रकम वसूल करने के लिए बेंच ने झारसुगुड़ा तहसीलदार को र्निदेश दिया है. स्टेट एनवायरनमेंट इंपैक्ट ऐसेमेंट अथाॅरिटी , डीएफओ व तहसीलदार को इस पर आवश्यक कार्रवाई कर आगामी एक अप्रैल तक सत्यपाठ (शपथ) के माध्यम से जानकारी देने को कहा गया है.
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