राउरकेला : खराब मौसम के कारण नहीं उतर सका राज्यपाल का विमान, वापस लौटा
राउरकेला हवाइअड्डा पर आइएलएस नहीं होने के कारण खराब मौसम में विमानों की लैंडिंग नहीं हो पाती है. रविवार को राज्यपाल का विभान भी यहां लैंड नहीं कर सका.
राउरकेला. सूबे में भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि राउरकेला में एयरपोर्ट का सर्वांगीण विकास हो सकेगा. लेकिन भाजपा की सरकार बनने के दो महीने के बाद भी यहां अव्यवस्था बरकरार है. आलम यह है कि इस एयरपोर्ट में इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) नहीं होने के कारण रविवार की सुबह राज्य के प्रथम नागरिक राज्यपाल रघुवर दास का विमान यहां से वापस लौट गया. जबकि चुनाव से पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने भरोसा दिया था कि सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य सरकार की जमीन पर निर्मित राउरकेला एयरपोर्ट की जमीन भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआइ) काे हस्तांतरित की जायेगी. लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया है. जिससे इस एयरपोर्ट में अव्यवस्था बनी हुई है. इसका नतीजा रविवार की सुबह देखने को मिला, जब राज्यपाल का विमान खराब मौसम के कारण यहां पर उतर नहीं सका और उन्हें वापस लौटना पड़ा.
राज्यपाल का केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम के यहां जाने का था कार्यक्रम
सुंदरगढ़ सांसद तथा केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम की धर्मपत्नी झिंगिया ओराम का पिछले दिनों निधन हो गया है. आगामी 28 अगस्त को लहुणीपाड़ा ब्लॉक के केंदुडीही स्थित आवास पर एकादशाह व प्रसाद सेवन कार्यक्रम है. 28 अगस्त को राज्यपाल रघुवर दास का अन्यत्र कार्यक्रम होने से उनका रविवार को केंदुडीही पहुंचकर मंत्री जुएल ओराम के आवास पर जाकर परिवार को अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करने का कार्यक्रम था. विमान से राउरकेला हवाइअड्डा पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से उनके केंदुडीही जाने का कार्यक्रम था. राज्यपाल का विमान रविवार की सुबह करीब 10 से 10.30 बजे के बीच राउरकेला पहुंचा. लेकिन मौसम खराब होने तथा राउरकेला एयरपोर्ट में आइएलएस की सुविधा नहीं होने से यह विमान यहां लैंड नहीं कर पाया. कुछ देर चक्कर काटने के बाद इस विमान को वापस लौटना पड़ा. जिससे राउरकेला एयरपोर्ट की अव्यवस्था एक बार फिर उजागर हो गयी है.
एएआइ को मालिकाना सौंपने की जरूरत
सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष विमल बिसी ने कहा कि राउरकेला एयरपोर्ट काे पूरी तरह से कार्यकारी करने तथा इसका सर्वांगीण विकास करने के लिए इसका मालिकाना एएआइ को सौंपने की जरूरत है. जिसके बाद ही यहां पर आइएलएस की स्थापना हो सकेगी. जिससे खराब मौसम में भी यहां पर विमानों की लैंडिंग में काेई असुविधा नहीं होगी. इस समस्या का समाधान करने के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
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