Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले के बणई व पानपोष अनुमंडल को मिलाकर एक अलग स्वास्थ्य जिला बनाने की योजना वर्ष 2008-09 में तैयार की गयी थी. लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी इस योजना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है. इसे लेकर बार-बार मांग भी उठती रही है. सरकारी स्तर पर इसकी चर्चा भी होती रही है. लेकिन इसका अनुकूल परिणाम अभी तक नहीं निकल पाया है. भौगोलिक स्तर पर देखा जाये तो यह आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिला मयूरभंज के बाद दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां पर नदी-नाला, वन व पहाड़ों से घिरे इस जिले में अनेक दुर्गम अंचल हेैं, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य व पेयजल की उचित सुविधा नहीं है. सुंदरगढ़ जिले के सदर अनुमंडल में जहां नौ ब्लाक हैं, वहीं बणई व पानपोष अनुमंडल में चार-चार ब्लाक हैं. इस तीन अनुमंडल के विभिन्न अंचल को लेकर सुंदरगढ़ जिला में दो पुलिस जिला, वन विभाग व ग्राम्य विकास संस्था है. वहीं राजस्व प्रशासन के लिये सुंदरगढ़ व पानपोष अनुमंडल में एक-एक अतिरिक्त जिलापाल हैं. लेकिन स्वास्थ्य जिला एक ही है.
राउरकेला सरकारी अस्पताल को मिली है विशेष मान्यता
जिले के राउरकेला शहर में स्थित सरकारी अस्पताल को विशेष सरकारी मान्यता मिली है. लेकिन ग्रामांचल में स्वास्थ्य सेवा का हाल बेहाल है. यहां पर अभी तक एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती है. मरीजों को खाट पर लादकर तथा बारिश के दिनों में मुश्किल से नदी-नाला पारकर अस्पताल अथवा एंबुलेंस तक लाना पड़ता है. 15 साल पहले यह स्थिति और भी विकट थी.
2008 में हुई थी अलग स्वास्थ्य जिला की परिकल्पना
सुंदरगढ़ जिला मुख्य अस्पताल से पानपोष अनुमंडल 100 किलोमीटर, बणई अनुमंडल 150 किलोमीटर तथा बणई अनुमंडल का कोइड़ा 200 किलाेमीटर दूर है. जिससे बणई व पानपोष अनुमंडल को अलग स्वास्थ्य जिला बनाकर इसका मुख्यालय राउरकेला में करने का प्रस्ताव था. लेकिन यह प्रस्ताव महज फाइलों में ही सिमट कर रह गया. जबकि बणई मरीज कल्याण समिति की बैठक में अलग स्वास्थ्य जिला बनाने का यह प्रस्ताव दिया गया था और पारित भी हो गया था. इसके तहत बणई के चार व पानपोष के चार ब्लॉकों को लेकर अलग स्वास्थ्य जिला बनाने का प्रस्ताव था.सूबे में भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने के बाद पुन: तेज हुई मांग
विगत 15 सालों से ठंडे बस्ते में पड़े इस प्रस्ताव काे कार्यकारी कराने की मांग सूबे में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनने के बाद तेज होती जा रही है. हाल ही में राउरकेला दौरे पर आये राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया था. बताया गया था कि यदि इस प्रस्ताव को कार्यकारी किया जाता है, तो पानपोष अनुमंडल के चार व बणई अनुमंडल के चार ब्लॉक के लोगों को उत्तम चिकित्सा सेवा का लाभ मिल पायेगा. लेकिन राज्य में भाजपा की डबल इंजन सरकार इस प्रस्ताव को कितनी गंभीरता से लेती है, इसका पता तो आगामी दिनों में ही चल पायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है