रिमझिम बारिश से चार डिग्री लुढ़का पारा, हवा ने कराया ठंड का अहसास
राउरकेला में शनिवार शाम से रिमझिम से लेकर झमाझम बारिश का दौर जारी है. इससे अधिकतम तापमान में गिरावट आयी है. सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस रहा.
राउरकेला. शहर में शनिवार की शाम से रिमझिम से लेकर झमाझम बारिश का दौर जारी है. इससे शहरवासियों को पिछले कुछ दिनों से जारी चिपचिपाती गर्मी से राहत मिली है. लोगों बारिश से बचने के लिए रैन कोट और छाता लेकर घर से निकल रहे हैं. लगातार बारिश से शहर के अखितम तापमान में कमी आयी है. सोमवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. हवा के साथ बारिश होने से लोगों को ठंडक का अहसास होने लगा है. पहले जहां गर्मी के कारण लगातार एसी व कूलर चला करते थे. अब लोग कूलर व एसी बंद कर सो रहे हैं. शनिवार की शाम को झमाझम बारिश होने बाद रविवार की शाम भी बारिश का दाैर चला. इसके साथ ही रात से लेकर सुबह तक रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा. सोमवार सुबह तक रुक-रुककर बारिश होने के बाद दिन भर बादल छाये रहे. वहीं दोपहर व शाम को बारिश होने से लोगों को चाय-पकौड़े का लुत्फ लेते देखा गया. सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 28.7, न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस रहा. जबकि अधिकतम आर्द्रता 96 तथा न्यूनतम आर्द्रता 87 फीसदी रही. जबकि शनिवार को अधिकतम तापमान 32.4, न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम आर्द्रता 97 तथा न्यूनतम आर्द्रता 77 फीसदी थी. दो दिन में तापमान चार डिग्री तक कम होने तथा बारिश होने से अब तक गर्मी की मार झेल रहे शहर के लोगों को राहत मिली है.
जून में उम्मीद से कम बारिश से कृषि कार्य प्रभावित होने की आशंका
झारसुगुड़ा जिले में इस जून में उम्मीद से कम बारिश हुई है. इससे खेती-किसानी के लिए चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं. मौसम विभाग की रिपोर्ट में 205 मिमी बारिश की भविष्यवाणी की गयी थी. जबकि अब तक केवल 120.14 मिमी बारिश दर्ज की गयी है. इससे कृषि कार्य प्रभावित होने की आशंका जतायी जा रही है. झारसुगुड़ा जिला के मुख्य कृषि अधिकारी पृथ्वीराज मंडल ने कहा कि हमारी वार्षिक कृषि योजना की तैयारी की गयी है. बारिश के आंकड़ों से पता चलता है कि झारसुगुड़ा ब्लॉक में सबसे अधिक 193 मिमी बारिश हुई, उसके बाद किरमिरा में 101 मिमी, कोलाबीरा में 91 मिमी, लैयकरा में 137 मिमी और लखनपुर में 78 मिमी बारिश हुई. नौ दिनों की बारिश के बावजूद किसान चिंतित हैं, क्योंकि मानसून की देरी और कम बारिश के दिनों से फसल की पैदावार प्रभावित होने की आशंका है. मौसम विभाग के अनुसार, हालांकि राज्य में मानसून आधिकारिक तौर पर तय समय पर आ गया है, लेकिन सीजन की शुरुआत में बारिश कम होना स्थानीय किसानाें के लिए चिंता का विषय है.
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