सुंदरगढ़ जिले की विस सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन रहा खराब, सांसद ने नहीं मनाया जीत का जश्न
भाजपा सुंदरगढ़ जिले में केवल दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है. जबकि 2019 के चुनाव में पार्टी को कुल तीन सीटें मिली थीं. इसका मलाल सुंदरगढ़ लोकसभा सीट पर छठी बार सांसद बने जुएल ओराम को भी है.
राउरकेला. ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने कुल 147 में से 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल की है. वहीं 21 में से 20 लोकसभा सीटों पर भगवा पार्टी ने कब्जा जमाया है. सुंदरगढ़ संसदीय सीट पर भी भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है. लेकिन जिले में विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन खास नहीं रहा है. कुल सात विधानसभा सीटों पर जीत का दावा करने वाली भाजपा सुंदरगढ़ जिले में केवल दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है. जबकि 2019 के चुनाव में पार्टी को कुल तीन सीटें मिली थीं. इसका मलाल सुंदरगढ़ लोकसभा सीट पर छठी बार सांसद बने जुएल ओराम को भी है. उन्होंने मीडिया में कहा है कि राज्य में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है. लेकिन सुंदरगढ़ जिले में हम आशा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाये. राउरकेला समेत सुंदरगढ़, राजगांगपुर, बणई, बिरमित्रपुर में भाजपा की जीत नहीं होने पर उन्होंने दुख जताया है तथा अपनी जीत का जश्न भी नहीं मनाया.
मोदी लहर को नहीं झेल सके दिलीप तिर्की
इस बार विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य के अन्य जिलों की तुलना में सुंदरगढ़ जिले में एक अलग तस्वीर देखने को मिली है. भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल ओराम ने छठी बार सुंदरगढ़ लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. लेकिन सात विधानसभा सीटों में से बीजद ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस और सीपीआइ(एम) ने 1-1 सीट जीती है. दूसरी ओर 2009 को छोड़कर 1998 से लगातार सुंदरगढ़ सांसद के रूप में जीतते आ रहे जुएल ओराम छठी बार लोकसभा के लिए चुने गये हैं. 2014 में उन्हें कड़ी टक्कर देने वाले बीजद के स्टार उम्मीदवार दिलीप तिर्की इस बार मोदी लहर का सामना नहीं कर सके और एक लाख से अधिक वोट से हार गये.
रघुनाथपाली और तलसरा में भाजपा को मिली जीत
तलसरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बीजद के उम्मीदवार बदलने और असंतोष के बीच भाजपा के भवानी शंकर भोई ने आसान से दोबारा सीट जीत ली है. उन्होंने बीजद के विनय टोप्पो को 17 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. रघुनाथपाली सीट पर तीन बार के विधायक सुब्रत तराई की जगह उनकी पत्नी को मैदान में उतारना बीजद को महंगा पड़ा है. भाजपा के दुर्गा चरण तांती, जिन्हें रघुनाथपाली निवासी अपेक्षाकृत कम जानते हैं, उन्होंने उन्हें 5000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की.
राउरकेला में लगा बड़ा झटका, बिरमित्रपुर और सुंदरगढ़ सीट भाजपा ने गंवायी
राउरकेला विधानसभा सीट पर भाजपा को बड़ा झटका लगा है. हाइवोल्टेज मानी जा रही इस सीट पर बीजद के शारदा नायक ने भाजपा के हैवीवेट दिलीप राय को साढ़े तीन हजार से अधिक वोट से हराकर 2014 में मिली हार का बदला चुकता कर लिया है. इसी तरह कांग्रेस से बीजद में शामिल आदिवासी नेता जॉर्ज तिर्की और उनके बेटे रोहित जोसेफ तिर्की का राजनीतिक भविष्य भी इस बार दांव पर था, लेकिन वे किसी तरह इसे सुरक्षित रखने में कामबाय रहे. रोहित ने बिरमित्रपुर से बीजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा से यह सीट छीन ली. भाजपा विधायक शंकर ओराम 6000 से ज्यादा वोटों से हार गये. सुंदरगढ़ सीट पर दिलचस्प मुकाबले में भाजपा की कुसुम टेटे से 9000 से ज्यादा वोटों से जीतने के बाद बीजद के जोगेश सिंह की विधानसभा में वापसी का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, वह पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर दो बार जीत चुके हैं, लेकिन वह सुंदरगढ़ से बीजद के पहले विधायक बनने जा रहे हैं.
डॉ सीएस राजेन एक्का ने अपनी सीट बरकरार रखी
राजगांगपुर के कांग्रेस विधायक डॉ सीएस राजेन एक्का सुंदरगढ़ जिले के सबसे चर्चित उम्मीदवारों में से एक हैं. वे अकेले अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. पिछली बार 1000 से भी कम अंतर से जीतने वाले राजेन एक्का ने इस बार अपनी लोकप्रियता के दम पर वोटों का अंतर 10,000 से भी ज्यादा कर लिया है. इसी तरह माकपा ने अपने गढ़ बणई की सीट पर जीत हासिल की है. माकपा के लक्ष्मण मुंडा बीजद के भीमसेन चौधरी को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर चौथी बार विधायक चुने गये हैं.
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