राउरकेला. सावन की तीसरी सोमवारी बंडामुंडा व राउरकेला के अलग-अलग मंदिरों में शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की. सुबह से ही मंदिरों में भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया. दूध, बेल-पत्र व जलाभिषेक करते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं ने भगवान शिव की अराधना की. हजारों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. सभी शिवालयों में सुबह से ही लोगों की कतारें लगना शुरू हो गयी थीं. हर हर महादेव व बम भोले के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा.
पशुपतिनाथ मंदर में हुआ रुद्राभिषेक
राउरकेला के सेक्टर-6 स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया. पंडित कृष्णा शास्त्री के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की शुरुआत हुई. नवग्रह पूजा, षोडशमातृका पूजा के बाद रुद्राभिषेक का अनुष्ठान शुरू हुआ. भोलेनाथ का दूध, गन्ने के रस, मधु आदि से अभिषेक किया गया. आरती के बाद श्रद्धालुओ के लिए भंडारा का आयोजन किया गया. पूरे दिन भक्तों के बीच फलाहारी प्रसाद बांट गया. संध्या में महादेव की महाआरती हुई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल हुए. राउरकेला नेपाली सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी यह अनुष्ठान तीसरी सोमवारी को किया गया. रुद्राभिषेक पूजा में मुख्य यजमान के रूप में मदन सिंह, पुष्पा सिंह, मोनिका सिंह, संगीता देवी शामिल हुए. अनुष्ठान के सफल आयोजन में राउरकेला नेपाली सेवा समिति, नेपाली युवा मंच व लक्ष्मीनारायण महिला समिति के सदस्यों का योगदान रहा.
झाड़ेश्वर धाम में सैकड़ों कांवरियों ने किया बाबा का जलाभिषेक
सावन की तीसरी सोमवारी पर शहर के झाड़ेश्वर धाम में शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. पूजा अर्चना व जलाभिषेक के लिए तड़के चार बजे से ही लंबी कतार लगने लगी थी. चार बजे मंदिर का पट खुलते बोल बम व हर हर महादेव के जय घोष से आसपास का वातावरण गुंजायमान हो उठा. ईब नदी से जलभर कर कांवर लेकर पहुंचे कांवरियों ने झाड़ेश्वर बाबा को जलाभिषेक कर अपने व परिवार व समाज की खुशहाली की कामना की. झाड़ेश्वर विकास परिषद की ओर भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर में व्यापक प्रबंध किये गये थे. झारसुगुड़ा शहर के पहाड़ेश्वर मंदिर में भी बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने पूजा की. यहां पहाड़ेश्वर विकास परिषद की भक्तों के पूजा व दर्शन को लेकर बेहर व्यवस्था की गयी थी.
बाजे-गाजे के साथ निकाली कांवर यात्रा
सोमवार को घाेघड़धाम में जलाभिषेक करने के लिए गाजे-बाजे के साथ भव्य कांवर यात्रा निकाली गयी. शहर के अलग-अलग स्थानों से कांवरियों की टोली कांवर यात्रा में शामिल हुई. शाम से लेकर देर रात तक कांवरियों का जत्था वेदव्यास त्रिवेणी संगम तक नाचते-गाते हुए पहुंचा. वेदव्यास त्रिवेणी संगम से जल लेकर जत्था ने सर्वप्रथम श्री बालुंकेश्वर मंदिर एवं चंद्रशेखर शिव मंदिर में जल अर्पण किया. इसके बाद हर हर महादेव, बोल बम के उद्घोष के साथ घोघड़ धाम के लिए रवाना हुआ. इस दौरान वेदव्यास चौक से लेकर राजगांगपुर चौक तक बीजू एक्सप्रेस वे के किनारे विभिन्न संगठनों की ओर से कांवरियों की सेवा के लिए शिविर लगाया गया था. यहां चाय-बिस्कुट, जलपान समेत प्रसाद सेवन के साथ भजन संध्या की व्यवस्था की गयी थी. घोघड़ धाम में जलाभिषेक करने के लिए झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल समेत ओडिशा के तटीय इलाकों से भी कांवरियों की टोली पहुंची थी.
घोघड़ धाम में 60 हजार से अधिक भक्तों ने किया जलाभिषेक
सावन की तीसरी सोमवार को घोघड़ धाम में करीब 60 हजार से अधिक भक्तों ने जलाभिषेक किया. रविवार रात वेदव्यास से जल उठाकर कांवरिये पैदल घोघड़ धाम पहुंचे. पूरे रास्ते कांवरिये नाचते-गाते नजर आये. वहीं जगह-जगह टेंट लगा लोगों ने कांवरियों की सेवा की. जगह जगह चाय-पानी, नाश्ता तथा खाने के साथ-साथ प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गयी थी. रात 12 बजे मंदिर के पट खुलते ही भक्तों ने जलाभिषेक किया. यह लाइन सुबह आठ बजे तक जारी रही. उसके बाद दर्शनार्थियों तथा पूजा करने वालों का तांता लग गया, जो शाम चार बजे तक जारी रहा. हर बार की तरह इस बार भी घोघड धाम ट्रस्ट द्वारा पुलिस प्रशासन के सहयोग से दर्शन करने के लिए व्यवस्था बनायी गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है