Rourkela News: कोसल समाज के सुंदरगढ़ बंद का दिखा मिला-जुला असर

Rourkela News: तमिलनाडु में बंधक बनी जिले की 90 युवतियों को वापस लाने की मांग पर कोसल समाज ने जिले में 12 घंटे का बंद किया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2025 12:00 PM

Rourkela News: तमिलनाडु के कोटियार में प्रशिक्षण व रोजगार के नाम पर बंधक बनाकर रखी गयी जिले की 90 युवतियों को वापस लाने की मांग पर बुधवार को कोसल समाज की ओर से आहूत सुंदरगढ़ बंद का मिला-जुला असर दिखा. सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक आहूत इस बंद के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई और कारोबार पर असर दिखा.

सात जनवरी से धरना पर बैठे थे अभिभावक

कोसल समाज के नेता दिलीप पंडा का आरोप है कि सुंदरगढ़ की 90 युवतियों को प्रशिक्षण और रोजगार के नाम पर तमिलनाडु के कोटियार में प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें कंपनी से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा, जबकि वे घर लौटना चाहती हैं. उनके नेतृत्व में माता-पिता अपनी बेटियों की वापसी की मांग को लेकर सात जनवरी से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठे थे. इसके बाद आठ जनवरी को राज्य कौशल विकास अपर निदेशक ने विभागीय अधिकारी को लड़कियों को वापस लाने का निर्देश दिया. जिला कौशल विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम सरकार की कौशल विकास योजना के तहत भेजी गयी लड़कियों को वापस लाने के लिए गयी थी. लेकिन जब अभिभावकों को बताया गया कि लड़कियां चरणबद्ध तरीके से वापस आयेंगी, तो कड़ी प्रतिक्रिया हुई.

लेफ्रीपाड़ा की 90 युवतियों को कटक में प्रशिक्षण देकर भेज दिया गया था तमिलनाडु

कोसल समाज का कहना है लेफ्रीपाड़ा प्रखंड की विभिन्न पंचायतों की 90 युवतियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण के नाम पर कटक स्थित एक प्रशिक्षण केंद्र ले जाया गया और 45 दिनों के सिलाई प्रशिक्षण के बाद उन्हें बिना उनकी जानकारी के तमिलनाडु की एक कपड़ा निर्माण कंपनी में काम पर लगा दिया गया. अभिभावकों का आरोप है कि वहां लड़कियों को दिन में 8 से 10 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता है. बीमार होने पर भी उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जाता है. जब वे घर जाना चाहती हैं, तो उन्हें धमकाया और डराया जाता है. काम करते समय गलती होने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है.

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