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राज्य खाद्य आयोग की टीम ने मध्याह्न भोजन व्यवस्था का किया निरीक्षण, बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने को कहा

झारसुगुड़ा दौरे पर आयी राज्य खाद्य आयोग की दो सदस्यीय टीम ने विद्यालयों में चल रहे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में किस प्रकार का भोजन बच्चों को दिया जा रहा है, इसकी जांच की है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 11:30 PM

झारसुगुड़ा. झारसुगुड़ा दौरे पर आयी राज्य खाद्य आयोग की दो सदस्यीय टीम ने विद्यालयों में चल रहे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में किस प्रकार का भोजन बच्चों को दिया जा रहा है, इसकी जांच की है. इसके बाद इस टीम ने जिलाधीश अबोली सुनील नरवाणे से मिलकर विद्यालयों में किचन गार्डन के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने पर जोर दिया. साथ ही टीम के सदस्य दयानिधि दास ने विद्यालय में एक साफ सुथरे वातावरण में भोजन तैयार करने व छात्र-छात्राओं को स्वच्छ जगह पर भोजन प्रदान करने पर ध्यान देने को कहा है. इस टीम में प्रेमशीला केरकेट्टा भी शामिल थीं.

कई स्कूलों का किया निरीक्षण, बच्चों को पढ़ाया भी

राज्य खाद्य आयोग की टीम ने सबसे पहले झारसुगुड़ा ब्लॉक के जमेरा अपर प्राइमरी स्कूल का दौरा किया. जहां पिछले शनिवार को मध्याह्न भोजन खाने के बाद छात्र-छात्राएं अस्वस्थ हो गये थे. टीम ने इस घटना की जांच करने के साथ अभिभावकों, गांव के लोगों व शिक्षक-शिक्षिकाओं से उस दिन की घटना की पूरी जानकारी ली. वहीं दास ने जमेरा स्कूल में कुछ देर छात्र-छात्राओं को पढ़ाया भी. इसके बाद दास ने कहा कि सड़े अंडाें के कारण ही उक्त घटना हुई थी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अंडा व अन्य खाद्य पदार्थ के संग्रह समय में पूरी सावधानी बरतनी होगी, ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो. इसके बाद टीम के सदस्यों ने ब्लॉक के अन्य स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया. टीम के साथ झारसुगुड़ा बीडीओ पूर्णचंद्र भाेई भी थे.

जमेरा स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने के बाद बीमार हो गये थे बच्चे

विदित हो कि जमेरा विद्यालय में गत शनिवार को मध्याह्न भोजन खाने के बाद करीब ढाई दर्जन छात्र-छात्राएं अस्वस्थ हो गये थे. उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से इलाज के बाद सभी छुट्टी दे दी गयी है. मध्याह्न भोजन में दिये गये सड़े अंडे से फूड प्वॉयजनिंग की आशंका जतायी गयी है. इसी के बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी उस दिन के खाद्य का संग्रह कर जांच के लिए राज्य की लैब में भेजा था. जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है.

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