राउरकेला,ओडिशा के तीन नेता जुएल ओराम, धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव के केंद्रीय मंत्री बनने से राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने की उम्मीद जगी है. मोदी कैबिनेट में जुएल ओराम को केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्री व अश्विनी वैष्णव को दोबारा रेल मंत्रालय की कमान सौेंपी गयी है. इन तीनों ही मंत्रियों का सुंदरगढ़ जिला के राउरकेला समेत बणई अनुमंडल से संपर्क रहा है. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के माटी पुत्र हैं. वह छह बार सुंदरगढ़ से सांसद चुने जाने के साथ तीसरी बार जनजातीय कार्य मंत्री बने हैं. इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अभाविप के नेता के तौर पर राउरकेला से ही अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. वहीं केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव सुंदरगढ जिले के बणई अनुमंडल के उप-जिलापाल रह चुके हैं. जिससे इन तीनों केंद्रीय मंत्रियों की मदद से राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाने का सपना पूरा हो सकेगा.
दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने बंडामुंडा में रेलवे कोच फैक्ट्री बनाने को लेकर अपना प्रयास जारी रखा था, लेकिन उनका प्रयास सफल नहीं हो पाया था. इसके बाद ही लगातार विभिन्न सामाजिक समेत राजनीतिक संगठनों द्वारा राउरकेला से चक्रधरपुर रेल मंडल को सर्वाधिक राजस्व मिलने के कारण राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाने की मांग लगातार की है. इसके लिये बंडामुंडा में पर्याप्त बुूनियादी सरंचना होने से राउरकेला को रेल डिवीजन बनाने की मांग को न्यायोचित बताकर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया जाता है, लेकिन रेलवे के जीएम स्तर से लेकर डीआरएम स्तर के अधिकारियों से अब तक कोरा आश्वासन ही मिला है. अब केंद्र में जुएल, धर्मेंद्र व अश्विनी को मंत्रालय मिलने तथा सूबे में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनने से राउरकेला को रेल डिवीजन बनाने की मांग पूरी होने की उम्मीद जगी है.
राउरकेला डिवीजन का हो विस्तार, आइटी हब भी बने : बिमल बिसी
राउरकेला सचेतन नागरिक मंच के अध्यक्ष बिमल बिसी ने कहा है कि राउरकेला को रेल डिवीजन बनाने की मांग न्यायोचित है तथा इसका दायरा क्योंझर तक हाेना चाहिये. इसके अलावा शहर में आइटी हब भी बने ताकि यहां के आइटी प्रोफेशनल्स को नाैकरी के लिये हैदराबाद व बेंगलुरु न जाना पड़े.वहीं आदिवासी विश्वविद्यालय बनना चाहिये, साथ ही राउरकेला से होकर देश की प्रमुख ट्रेनों को चलाना चाहिये. उन्होंने इन तीनों केंद्रीय मंत्रियों की मदद से विकास के यह सभी काम होने की संभावना जतायी है.
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