Rourkela News: पहले आम जनता, अब किसानों को रुला रहा टमाटर, कीमत पांच रुपये किलो हुई
Rourkela News: राउरकेला के बाजारों में सोमवार को टमाटर पांच रुपये किलो बिका. इससे कृषकों की लागत तक नहीं निकल रही है.
Rourkela News: टमाटर एक बार फिर चर्चा में हैं. पिछली बार इसने आम लोगों के पसीने छुड़ा दिए थे, जब इसकी कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गयी थी. लेकिन अब यह किसानों को रुला रहा है. स्मार्ट सिटी में सोमवार को खुले बाजार में टमाटर पांच रुपये किलो बिका. वैसे तो ठंड के मौसम में टमाटर के भाव स्थिर रहते हैं और कुछ हद तक सस्ते भी रहते हैं. लेकिन पांच रुपये किलो बिकने के कारण किसानों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. उत्पादन की लागत तक नहीं निकल पा रही है. किसान अगर उपज कम करें, तो दर बढ़ जाती है और उत्पादन ज्यादा करें, तो उसे इसकी लागत भी नहीं मिलती.
किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा असर
उत्पादन और आपूर्ति बढ़ने पर बाजार में दाम गिरने की वजह से किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. हालत यह है कि इसे उपजाने वाले किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आ रही थीं और इसमें अब राउरकेला के आसपास के किसानों का भी नाम जुड़ गया है, जिन्हें उचित भाव नहीं मिलने की वजह से नुकसान झेलना पड़ रहा है. शहर के आमबागान में सोमवार को टमाटर पांच रुपये किलो बिका. इसकी कीमतों में पिछले कई दिनों से गिरावट जारी थी. इस गिरावट का मुख्य कारण टमाटर की अधिक आपूर्ति और मांग में कमी है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. कई किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ रहा है.
उत्पादन बढ़ने से घटीं कीमतें, किसानों को घाटा
राउरकेला ही नहीं, टमाटर की कीमतें कई अन्य जिलों में भी पांच रुपये प्रति किलो तक गिर गयी हैं. प्रमुख टमाटर उत्पादक सुंदरगढ़ जिले का नुआगां प्रखंड है. यहां उत्पादन बढ़ा है, जिससे बाजार में आपूर्ति अधिक हो गयी है. खुले बाजार में 5 रुपये के हिसाब से बिक रहे टमाटर के लिए किसानों को 1-2 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. खेती की लागत जिसमें बीज, पानी और श्रम शामिल है, की तुलना में यह कीमतें बेहद कम हैं, जिससे किसानों को घाटा हो रहा है.
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