जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव ने संभाला कार्यभार, बोले-आदिवासी क्षेत्रों में सड़क, संचार और सिंचाई नेटवर्क को बनायेंगे बेहतर

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद शुक्रवार को जुएल ओराम ने कहा कि जनजातीय शिक्षा और स्वास्थ्य मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2024 11:42 PM

राउरकेला. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जुएल ओराम ने शुक्रवार को जनजातीय मामलों के मंत्रालय का कार्यभार फिर से संभाल लिया और कहा कि जनजातीय शिक्षा और स्वास्थ्य मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल हैं. शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली स्थित मंत्रालय में पदभार संभाला. यह मंत्रालय बनने के बाद पहले जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ही थे. कार्यभार संभालने के बाद उरांव ने संवाददाताओं से कहा कि यह तीसरा मौका है जब मैं केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहा हूं. मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं और इस जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा कि देश के आदिवासी इलाकों में सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षा है. मैं इस मुद्दे पर काम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं. मैंने प्रधानमंत्री को यह बात तब बतायी थी, जब मैं पहली मोदी सरकार में उनसे मिला था. उन्होंने पूछा कि आदिवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है, मैंने कहा- शिक्षा. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में दूसरा अहम मुद्दा स्वास्थ्य है. हम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में इस मुद्दे पर गौर करेंगे. हम आदिवासी क्षेत्रों में सड़क, संचार और सिंचाई नेटवर्क को बेहतर बनायेंगे.

केंद्रीय जनजातीय मामलों के पहले मंत्री थे जुएल

एनडीए की वाजपेयी सरकार ने केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय का गठन करने के बाद जुएल ओराम को इसकी जिम्मेदारी दी थी. तब से यह तीसरा मौका है, जब जुएल ओराम यह मंत्रालय संभाल रहे हैं. सुंदरगढ़ संसदीय सीट से जुएल ओराम ने इस बार पद्मश्री डॉ दिलीप तिर्की को एक लाख से अधिक वोटों से परास्त किया है. वहीं इस बार ओडिशा में भाजपा की सरकार भी बनी है. हालांकि जुएल ओराम ने चुनाव से पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह उनका अंतिम चुनाव हैं. वे छह बार सांसद रह चुके हैं. उन्होंने सुंदरगढ़ जिले से दो बार जीत की हैट्रिक लगायी है.

जुएल ओराम की राजनीतिक यात्रा

1990 से लेकर 1998 तक दो बार ओडिशा विधानसभा के सदस्य रहे. सुदरगढ़ से भाजपा जिला उपाध्यक्ष, ओडिशा से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव, ओडिशा राज्य में भाजपा अध्यक्ष रहे. वह पहली बार 1998 में लोक सभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 1999 के चुनाव में जीतने के बाद वह केंद्र सरकार में आदिवासी मामलों के कैबिनेट मंत्री बने. वह राजभाषा समिति, उद्योग संबंधी स्थायी समिति और परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे थे. इसके बाद वे एक बार फिर 2004 में सांसद बने. हालांकि उन्हें 2009 में हार का सामना करना पड़ा. 2014 में उन्होंने एक बार फिर से जीत हासिल की. उसके बाद 2019 में भी उन्हें सुदरगढ़ सीट पर सफलता मिली थी. वहीं इस बार 2024 में उन्होंने बीजू जनता दल (बीजद) उम्मीदवार और पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप तिर्की को 1,38,808 मतों से हराकर संसद का टिकट कटाया है.

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