राउरकेला. राउरकेला को अपराध मुक्त बनाने के लिए शहर को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर इसे प्रशासन की तीसरी आंख बनाने का निर्णय काफी पुराना है. लेकिन यह सीसीटीवी कैमरे कब प्रशासन की तीसरी आंख बनकर शहर की निगरानी करेंगे, इसकी कोई गारंटी नजर नहीं आ रही. 106 करोड़ रुपये की लागत से 110 स्थानों पर 600 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम हुआ, लेकिन इनके चालू होने का इंतजार अब भी लोगों को है. वहीं पड़ोसी जिला झारसुगुड़ा में सीसीटीवी कैमरों के जरिये अपराध व ट्रैफिक नियंत्रण की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है. 29 जुलाई से इसपर अमल शुरू हो चुका है. जिसका झारसुगुड़ावासियों ने स्वागत करने के साथ ही उम्मीद जतायी है कि इससे अपराध पर नियंत्रण लगेगा. 29 जुलाई को कैमरे से निगरानी शुरू होने के बाद महज दो दिनों के अंदर तीन लाख रुपये से अधिक का चालान काटा जा चुका है. बगैर सीट बेल्ट के कार चलाने, हेलमेट के बगैर बाइक चलाने, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने, नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ यह चालान काटने की कार्रवाई की गयी है. सभी कुछ सीसीटीवी मॉनिटरिंग के जरिये किया गया. इसके विपरीत राउरकेला में अब तक इस दिशा में काम शुरू नहीं हो पाया है.
शो-पीस बने चौक-चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे
राउरकेला शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल करने के लिए राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से पानपोष स्थित गवर्नमेंट ऑटोनोमस कॉलेज के पीछे राउरकेला वन बिल्डिंग में कमांड रूम बनाया जा रहा है. राउरकेला वन के कमांड सेंटर में अब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं होने से शहरभर में लगे सीसीटीवी कैमरे केवल दिखावे की वस्तु बनकर रह गये हैं. गत वर्ष हाॅकी विश्वकप के दौरान यह सीसीटीवी कैमरा चालू होने की घोषणा की गयी थी. हाॅकी विश्व कप खत्म हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन सीसीटीवी कैमरे अभी भी चौक चौराहों पर महज शोपीस ही बने हुए हैं.
राउरकेला वन कमांड सेंटर से होनी है निगरानी, चल रहा है काम
राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से हॉकी चौक के पास कमांड सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है. इस सेंटर में ही कंट्रोल रूम विकसित किया गया है. हालांकि यह काम अभी जारी है और कब तक पूरा होगा इसकी कोई स्पष्ट डेडलाइन नहीं है. काम पूरा नहीं होने के कारण सीसीटीवी महज शो पीस बनकर रह गए हैं.
शहर में अपराध पर लगेगा अंकुश
राउरकेला शहर में 110 प्रमुख स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे अगर चालू हो जाते हैं, तो अपराध पर नकेल कसने में पुलिस को सहायता मिलेगी. वर्तमान अगर शहर में कोई अपराध होता है, तो पुलिस निजी स्तर पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पर निर्भर रहती है. ऐसे में 106 करोड़ के खर्च से लगाये गये इन कैमरों की उपयोगिता पर सवाल उठते रहे हैं.
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