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कपाटमुंडा में ग्रामीणों ने रेलवे के डिमार्केशन का काम रोका, बैरंग लौटे अधिकारी

राउरकेला-हटिया सेक्शन में सेकेंड लाइन का निर्माण होना है. इसके लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार को जमीन का डिमार्केशन करने पहुंचे. हालांकि, ग्रामीणों के विरोध के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा.

बंडामुंडा. राउरकेला-हटिया सेक्शन में रेलवे की ओर से रेल लाइन के दोहरीकरण का काम जारी है. हटिया सेक्शन की ओर से इसका काम तेजी से किया जा रहा है. वहीं राउरकेला सेक्शन में बिसरा प्रखंड के कपाटमुंडा में गुरुवार को सेकेंड लाइन का काम शुरू करने के लिए रेलवे की ओर से डिमार्केशन का काम शुरू किया जाना था. चक्रधरपुर एडीआरएम अजीत कुमार बड़ी संख्या में आरपीएफ, जीआरपी, जिला पुलिस की टीम के साथ 11 बजे निर्माण स्थल पर पंहुचे. इनका स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताया.

ग्रामीणों को नहीं दी गयी जानकारी, डिमार्केशन नियमों के खिलाफ

एडीआरएम अजीत कुमार को स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह डिमार्केशन नियमों के खिलाफ है. इस डिमार्केशन की जानकारी सिर्फ कपाटमुंडा पंचायत के सरपंच को दी गयी है, लेकिन उन ग्रामीणों को नहीं दी गयी, जिनकी जमीन पर निर्माणकार्य होना है. बिना नोटिस दिये जमीन का डिमार्केशन किया जा रहा है. जिस जगह डिमार्केशन किया जा रहा था, वह उनकी जमीन है. इसके साथ ही कई ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि पहले भी लाइन बिछाने को लेकर रेलवे ने उनकी जमीन ली थी, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिला है. इस पर रेलवे अधिकारी ने बताया कि एक साधारण डिमार्केशन है इसलिए ग्रामीणों को इसकी जानकारी नही दी गयी है. जिस पर ग्रामीणों का कहना था कि यदि यह एक साधारण डिमार्केशन है, तो फिर बिसरा तहसीलदार द्वारा जारी नोटिस में उन ग्रामीणों की जमीन का उल्लेख क्यों किया गया है, जिनकी जमीन को लेकर निर्माण कार्य पर लंबे समय से विवाद जारी है. जिसके बाद ग्रामीण इसके विरोध में एकजुट होकर खड़े हो गये.

पहले ग्रामीणों की जमीन का हो डिमार्केशन

विरोध कर रहे ग्रामीणों ने सबसे पहले उनकी जमीन का डिमार्केशन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि पहले स्थानीय लोगों की जमीन का डिमार्केशन हो, फिर रेलवे की जमीन का. ग्रामीणों के विरोध के कारण रेलवे प्रशासन को बिना डिमार्केशन के ही बैरंग लौटना पड़ा. ज्ञात हो कि ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन और बिसरा तहसीलदार के द्वारा आयोजित होने वाले इस डिमार्केशन के खिलाफ 19 जून को राउरकेला उप जिलापाल, राउरकेला एसपी समेत ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय आदिवासी विकास मंत्री जुएल ओराम एवं कैबिनेट मंत्री सुरेश पुजारी को शिकायत की थी. लेकिन गुरुवार को रेलवे की ओर से डिमार्केशन किये जाने के प्रयास से क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीणों में खासी नाराजगी देखने को मिली.

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