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Bhubaneswar News: ओडिशा को मिलेट हब बनायेंगे, बजट में 649 करोड़ रुपये का किया प्रावधान : मुख्यमंत्री

Bhubaneswar News: भुवनेश्वर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्री अन्न एवं विस्मृत खाद्य सम्मेलन रविवार को शुरू हुआ. मुख्यमंत्री मोबन चरण माझी ने इसका उद्घाटन किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2024 11:28 PM
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Bhubaneswar News: मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने रविवार को लोकसेवा भवन के कन्वेंशन सेंटर में कृषि एवं कृषक सशक्तीकरण विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘अंतरराष्ट्रीय श्री अन्न एवं विस्मृत खाद्य सम्मेलन’ का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि राज्य में मिलेट जैसी फसलों का उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के साथ-साथ ओडिशा को भारत का मिलेट हब बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिए इस वर्ष के बजट में 649 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने इस अवसर पर मार्गशीर माह में गुरुवार को होने वाली पूजा में मिलेट का भोग लगाने के लिए माताओं से अनुरोध किया. विस्मृत खाद्य फसलों के पुनरुद्धार के लिए आयोजित इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, शोधकर्ता, विशेषज्ञ, बुद्धिजीवी, विभिन्न जिलों के किसान और अग्रणी महिला किसान शामिल हुए हैं.

श्री अन्न हमारे राज्य की कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषक फसलें और कृषि प्रणाली हमारे जनजातीय समुदाय की परंपरा का अभिन्न हिस्सा रही हैं. पोषक फसलों की प्राचीनता और इसकी हमारी संस्कृति और परंपरा से निकटता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘श्री अन्न’ का नाम दिया है. पोषक फसलें या श्री अन्न हमारे राज्य की कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. जलवायु सहनशीलता के गुणों के साथ मांडिया (रागी) और अन्य पोषक फसलें पोषण और खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. अविभाजित कोरापुट जिले से शुरू होकर यह श्री अन्न की खेती आज पूरे देश में एक क्रांति का रूप ले चुकी है और अब पूरे ओडिशा में श्री अन्न की खेती की जा रही है. लगभग 177 ब्लॉकों में इस खेती का विस्तार किया गया है.

14 प्रकार की पोषक फसलो को मिली श्री अन्न की मान्यता

मुख्यमंत्री ने पोषक फसलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में लगभग 14 प्रकार की पोषक फसलों को ‘श्री अन्न’ के रूप में मान्यता मिली है. इनमें से बाजरा, ज्वार और रागी (मांडिया) सबसे लोकप्रिय हैं. ओडिशा में रागी का उत्पादन सबसे अधिक होता है, जबकि सूआ, कंगनी, कोदो और झोंका जैसी अन्य पोषक फसलों की भी व्यापक रूप से खेती की जाती है. ये सभी पोषक फसलें ग्लूटेन-मुक्त, उच्च फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट युक्त और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली होती हैं, जो मधुमेह की रोकथाम और रक्त शर्करा के नियंत्रण में सहायक हैं. श्री अन्न कैंसर, रक्ताल्पता और विटामिन बी की कमी को दूर करने में भी प्रभावी होते हैं, जिसके कारण इन्हें सुपरफूड का दर्जा प्राप्त हुआ है. वर्तमान में हमारी सरकार अधिक उत्पादन के लिए किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है. हमें इसे लोगों के दैनिक भोजन का हिस्सा बनाना होगा. मुख्यमंत्री ने फूड ब्लॉगर्स से आग्रह किया है कि वे रागी को स्वादिष्ट बनाने के लिए नये-नये व्यंजन और रेसिपी को हर घर तक पहुंचाने का प्रयास करें.

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