महिला किसानों को जैविक खेती और जैविक खाद तैयार करने का मिला प्रशिक्षण
राउरकेला स्टील प्लांट की ओर से एनआइटी के सहयोग से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें विशेषज्ञों ने महिलाओं को जैविक खेती का तरीका बताया.
राउरकेला. राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के सीएसआर विभाग और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), राउरकेला द्वारा पार्श्वांचल विकास संस्थान में 8 से 10 जुलाई, 2024 तक अपशिष्ट से संपदा कार्यक्रम के अंतर्गत एक सतत जैविक खेती कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में लाठीकटा ब्लॉक के नयाडेरा, सोनापर्बत, असुरचपल, कंसार और मानको गांव की 50 महिला किसानों ने भाग लिया. मुख्य महा प्रबंधक (नगर प्रशासन एवं सीएसआर) पीके स्वांई ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता की और समापन प्रमाण पत्र प्रदान किये.
मिट्टी और पानी के स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए जैविक खेती जरूरी
समारोह को संबोधित करते हुए स्वांई ने समाज और राष्ट्र निर्माण में महिला किसानों द्वारा दिये गये योगदान की प्रशंसा की. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जैविक खेती समय की जरूरत है और पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ मिट्टी और पानी के स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए पूरी दुनिया में इसकी जरूरत है. किसानों के लिए इस प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतर्गत जैविक खेती की मूल बातें, ‘जैविक खेती का महत्व और समय की आवश्यकता’, ‘मशरूम की खेती का जैविक तरीका’,“केंचुआ खाद (वर्मिकम्पोस्ट), जैविक खाद और जैव कीटनाशकों की तैयारी’ और ‘मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन’ जैसे व्यावहारिक विषय शामिल थे. इस पाठ्यक्रम के विशेषज्ञ व्यक्तियों में एनआइटी राउरकेला के प्रोफेसर और शोधकर्ता, वैज्ञानिक और जैविक खेती के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यवसायी शामिल थे.
जैविक खाद के उपयोग के बारे में समझ विकसित हुई
कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों के बीच जैविक खेती और जैविक खाद के उपयोग के बारे में समझ विकसित करना था, ताकि भारतीय कृषि पद्धतियों में जैविक खेती की प्रक्रिया को शामिल करने के लिए कार्यक्रमों की योजना और कार्यान्वयन को दीर्घकालिक रूपरेखा तैयार की जा सके. महाप्रबंधक (सीएसआर) मुनमुन मित्रा ने परिचयात्मक भाषण दिया और आरएसपी द्वारा पार्श्वांचल ग्रामवासियों की आय और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए की गयी विभिन्न सीएसआर पहलों के बारे में जानकारी दी. सहायक महाप्रबंधक (सीएसआर) एएन पति ने सभा का स्वागत किया, जबकि एसोसिएट डीन (एनआइटी, राउरकेला) रामचंद्र प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला के जीके नेहरु द्वारा किया गया.
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