Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले के नुआगांव ब्लॉक की खुटगांव पंचायत अंतर्गत मिटकुंदरी-लहंडा के बीच देव नदी पर पुल का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था. लेकिन भूमि अधिग्रहण पर विवाद के कारण काम रुका था. लेकिन जमीन मालिक को मुआवजा दिये जाने के बाद छह साल का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है. बुधवार से पुल का निर्माण शुरू हो गया. एक महीने के अंदर पुल का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. बीजद सरकार ने देव नदी पर पुल निर्माण की घोषणा की थी. इसे लेकर ग्रामीण विकास विभाग की ओर से टेंडर किया गया था. 2018 में ठेकेदार ने पुल का निर्माण शुरू कर दिया था. उस समय पुल की लागत सात करोड़ रुपये आंकी गयी थी. लेकिन देव नदी के मिंटकुदरी छाेर पर मांकू ओराम की 28 डिसमिल भूमि और विपरीत दिशा में दुर्गा ओराम की 52 डिसमिल भूमि के अधिग्रहण को लेकर विवाद के कारण पुल पर पांचवें पिलर का स्लैब नहीं लग पाया है. यहां स्लैब लगाने से पूर्व जमीन मालिक दुर्गा ओराम ने मुआवजे की मांग की और काम बंद करा दिया. नतीजा यह हुआ कि काम रूक गया. इसे लेकर प्रशासन ने मकान मालिक को कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे.
जमीन मालिक को पिछले माह दी गयी थी मुआवजा राशि
हाल ही में पानपोष उप-जिलापाल कार्यालय में जमीन मालिकों को मुआवजा राशि प्रदान की गयी. जिसके बाद अंतत: छह साल के लंबे इंतजार के बाद बुधवार से अधूरा पुल को पूरा करने का काम शुरू कर दिया गया है. यह पुल बन जाने से झारबेड़ा पंचायत के रिऊं, चारीछापल, टुंकुपाणि, करमाबाहाल व कचारु पंचायत के पांच गांव पसरा, कचारू, सान दलकी, सिआलजोर व रामपुर के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा. साथ ही छात्रों से लेकर किसान तक आसानी से राउरकेला आना-जाना सकेंगे. पुल का काम शुरू होने से उक्त गांवों के लोगों में खुशी की लहर है.
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