राजगांगपुर : नगरपालिका का वर्षों पुराना दो मंजिला मकान ध्वस्त, आरओबी के निर्माण में आयेगी तेजी
चुनाव खत्म होते ही राजगांगपुर रेल ओवर ब्रिज परियोजना के कार्य में तेजी आयी है. राजगांगपुर नगरपालिका का वर्षों पुराना दो मंजिला कर्मचारी आवास भवन आखिरकार लोक निर्माण विभाग द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है.
राजगांगपुर. चुनाव खत्म होते ही राजगांगपुर रेल ओवर ब्रिज परियोजना के कार्य में तेजी आयी है. राजगांगपुर नगरपालिका का वर्षों पुराना दो मंजिला कर्मचारी आवास भवन आखिरकार लोक निर्माण विभाग द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है. इस साठ साल पुराने दो मंजिला भवन को गिरा दिये जाने के बाद अब काम में और अधिक तेजी आने के आसार नजर आने लगे हैं. राजगांगपुर में रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के राज्य सरकार के हिस्से का कार्य लोक निर्माण विभाग की ओर से किया जा रहा है. ब्रिज निर्माण के लिए आवश्यक जमीन रैयतों से खरीदने का काम करीब आठ माह पहले चालू हुआ था. जबकि सरकारी व लोगों द्वारा कब्जायी गयी अन्य जमीनों को खाली कराया गया था. इसमें राजगांगपुर नगरपालिका की ओर से अपने कर्मचारियों के लिए बनायी गयी कॉलोनी भी शामिल थी. इसमें एक वर्षों पुराना दो मंजिला मकान भी था, जो जर्जर हो चुका था. इसमें एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों के परिवार रहा करते थे.
दो कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में दर्ज कराया था केस
ब्रिज के लिए जगह की जरूरत पड़ने के कारण विभाग द्वारा इस दो मंजिला मकान सहित आस-पास के सरकारी मकानों में रहने वाले सभी कर्मचारियों को घर खाली करने का निर्देश दिया गया था. जिसके बाद अधिकतर परिवारों ने घर खाली कर दिया था. लेकिन दो अस्थायी कर्मचारियों ने पुनर्वास की मांग को लेकर हाईकोर्ट में केस कर दिया था. मामला हाई कोर्ट में लंबित होने के कारण उक्त भवन को खाली नहीं कराया जा सका था. बाद में चुनाव की घोषणा होने के बाद इसका काम बंद पड़ गया. वर्तमान नगरपालिका द्वारा दोनों पूर्व कर्मचारियों के साथ समझौता होने के बाद भवन को खाली कराया गया.
बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के तोड़ा गया भवन, लोग उठा ले गये सामग्री
इस भवन को पूरी तरह ध्वस्त करने में दो दिन से ज्यादा का समय लगा. दो दिनों तक जब लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त दो मंजिला भवन को तोड़ने का काम चल रहा था, तब देखा गया कि विभाग द्वारा भवन तोड़ते समय आवश्यक सुरक्षा उपाय नहीं किये गये थे. जब जेसीबी द्वारा तोड़ने का काम चल रहा था, तो सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण भवन के आस-पास पहुंच ध्वस्त किये गये घरों से निकली ईंट, दरवाजे और लोहे की छड़ इकट्ठा करते स्थानीय लोगों को देखा गया. शिकायत के बाद वहां पुलिस बंदोबस्त कर स्थिति को नियंत्रित किया गया. शुक्रवार को भी दिन भर स्थानीय लोग ध्वस्त मकान से लोहे की छड़ें, लकड़ी के दरवाजे तथा ईंट चुनते नजर आये. कार्यनिर्वाही अधिकारी ने बताया की टूटे मकान से निकली सामग्री किसी काम की नहीं थी.
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