Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र के ओडिशा खान समूह अंतर्गत बरसुआ लौह खदान (बीआइएम) में स्थायित्व और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक संशोधित जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रणाली चालू की गयी है. नयी सुविधा का उद्घाटन मुख्य महा प्रबंधक (बीआइएम, केआइएम एवं टीआइएम) हिमांशु मिश्र ने महा प्रबंधक (माइनिंग) पीसी बरुआ, महा प्रबंधक (माइनिंग) राजेश कुमार, महा प्रबंधक (मानव संसाधन) एनसी पंडा, अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों और बीआइएम-टीआइएम के यूनियन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया. इस परियोजना को आरएसपी के कार्यपालक निदेशक (खान) एवं अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) आलोक वर्मा, मुख्य महा प्रबंधक (बीआइएम, टीआइएम, केआइएम) हिमांशु मिश्र, मुख्य महा प्रबंधक (माइंस परियेाजना) आनंद कुमार, मुख्य महा प्रबंधक (इएंडएल) मल्ला श्रीनिवासु, महा प्रबंधक प्रभारी (खान) तिलक पटनायक के नेतृत्व में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया है. बीआइएम परियोजना टीम में परियोजना प्रबंधक (सहायक महा प्रबंधक-परियोजनाएं) शुभेंदु कुमार साहू, प्रबंधक (परियोजनाएं) एमएनएस श्रीनिवास, उप महा प्रबंधक (मैकेनिकल) टीपी एक्का, सहायक महा प्रबंधक-मैकेनिकल) राजेश कुमार आधा, उपमहा प्रबंधक(इलैक्ट्रिकल) उत्कर्ष गौरव, सहायक महा प्रबंधक (इलैक्ट्रिकल) नारायण पंडा और सहायक महा प्रबंधक (इएंडएल) अनुपम नायक शामिल हैं, जिन्होंने परियोजना के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.
1.13 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित की गयी नयी प्रणाली
1.13 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित की गयी नयी प्रणाली, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण और वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की आवश्यक संवैधानिक आवश्यकताओं का अनुपालन करके पर्यावरण संरक्षण के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करेगी. यह लाभकारी संयंत्र अतिप्रवाह जल के पुन: उपयोग और पुन: परिसंचरण के माध्यम से जल संरक्षण में भी मदद करेगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ओदा लाभकारी संयंत्र से उत्पन्न अपशिष्ट जल को मौजूदा टेलिंग तालाब में छोड़ने से रोकना और अतिप्रवाह जल का पूरी तरह से पुन: उपयोग करना है, जिससे प्राकृतिक जल धाराओं के साथ संदूषण से बचा जा सके और आसपास के प्राकृतिक जल पारिस्थितिकी तंत्र की भी रक्षा हो सके. विशेषतः नयी प्रणाली कुराडीह नाला में प्राकृतिक जल धारा में टेलिंग बांध के अतिप्रवाह जल के निर्वहन को समाप्त करेगी और अतिप्रवाह जल का प्रभावी पुन: उपयोग सुनिश्चित करेगी. यह ओदा सर्किट संचालन के लिए मेकअप जल की आवश्यकताओं को कम करेगा, जल निर्वहन को कम करेगा, जल संसाधनों का संरक्षण करेगा, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करेगा, पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देगा तथा जल खपत की पर्याप्त मात्रा को भी बचायेगा.
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