रांची : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है कि बिहार में शिक्षक नियुक्ति में बिहारी शिक्षक बहाल होंगे. जब बिहार में बिहारी शिक्षक हो सकते हैं तो फिर झारखंड में झारखंडी शिक्षक क्यों नहीं हो सकते. ये बातें सूबे के स्कूली शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने गुरुवार को प्रभात खबर से बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि 20 साल पहले बिहार से झारखंड राज्य अलग हो गया. अब झारखंड राज्य का अपना अलग अस्तित्व है. इसलिए झारखंडियों को इस राज्य में पहला हक मिलना चाहिए. इसके लिए एक नियम बनना चाहिए, जिसमें सभी के सहयोग की जरूरत है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड में पूर्व की रघुवर सरकार के कार्यकाल में हुई शिक्षक नियुक्ति में बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों के करीब 75 फीसदी लोग शामिल हो गये तथा कई लोगों ने झारखंड में शिक्षक की नौकरी भी हासिल कर ली.
इसलिए बिहार में बिहारी शिक्षक की तर्ज पर झारखंड में भी झारखंड के युवाओं को ही शिक्षक बनाया जायेगा. कहा कि शीघ्र ही इसके लिए बिहार जैसा झारखंड में भी कानून लाया जायेगा. झारखंडी होने का आधार 1985 का निवासी होना नहीं, बल्कि 1932 का खतियान होगा. शिक्षा मंत्री श्री महतो ने कहा कि एकीकृत बिहार में भी झारखंड की स्थानीय नीति का आधार वर्ष 1932 ही था. इसलिए यही आधार होगा. कहा कि स्थानीय नीति का जो आधार है, उसी को तय मानकर आगे के लिए स्थानीय नीति बनेगी.
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