लोकसभा चुनाव: पटना पुलिस ड्रोन की मदद से कुख्यातों को पकड़ेगी, पांच दर्जन अपराधियों की तैयार हुई सूची!
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पटना पुलिस ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. ड्रोन से पटना पुलिस निगरानी करेगी.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर फरार अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पटना व नालंदा पुलिस ने करीब पांच दर्जन अपराधियों की सूची बना ली है. इन सभी को लोकसभा से पहले गिरफ्तार करने का टास्क रेंज आइजी गरिमा मलिक ने तमाम एसपी को दिया है. खास बात यह है कि पटना पुलिस को एक ड्रोन भी मिलने जा रहा है. इस ड्रोन का इस्तेमाल पुलिस छापेमारी व अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए टाल व दियारा इलाके में करेगी.
अपराधियों की सूची तैयार, अब नकेल कसने की तैयारी..
दियारा इलाके में पूर्व से ही पांच कैंप खुले हुए हैं. बालू माफियाओं व अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कैंप बनाये गये हैं और उसमें बीएमपी, एसटीएफ व पटना पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी है. रेंज आइजी गरिमा मलिक ने बताया कि अपराधियों की सूची बना ली गयी है. पूर्व में ही कैंप खोले जा चुके हैं और पुलिस बल की तैनाती की जा चुकी है. बिहटा, जेठुली व मोकामा में एक-एक और मनेर में दो पुलिस कैंप खोले गये हैं.
ट्रैफिक नियंत्रण के लिए मिलेंगे पुलिसकर्मी..
राजधानी पटना को जल्द ही यातायात नियंत्रण के लिए 200 से अधिक पुलिस पदाधिकारी व कर्मी मिलेंगे. बढ़ती जनसंख्या और गाड़ियों के दबाव को देखते हुए पटना में ट्रैफिक पुलिस के 209 नये पद स्वीकृत किये गये हैं. गृह विभाग के आरक्षी शाखा ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. विभागीय आदेश के अनुसार, पटना जिले में अब ट्रैफिक डीएसपी के दो नये पद सृजित किये गये हैं. इसके अलावा चार इंस्पेक्टर, तीन परिचारी, 60 सहायक अवर निरीक्षक और 140 हवलदार के पद सृजित किये गये हैं. इन पदों के सृजन से 13 करोड़ 69 लाख रुपये का वार्षिक खर्च होगा.
पटना में ट्रैफिक पुलिस की तैयारी..
पटना जिले की अनुमानित जनसंख्या करीब 72 लाख 40 हजार है , जबकि पंजीकृत वाहनों की संख्या 20 लाख 84 हजार 375 है. शहरी क्षेत्र के निरंतर विकास, औद्योगिकरण, सड़कों की सीमित चौड़ाई और वाहनों के दबाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल दिया गया है. इसके अलावा पटना में सड़कों का नेटवर्क भी बहुत लंबा है. नगर निगम क्षेत्र में सड़कों की कुल लंबाई 2400 किमी है , जबकि पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले सड़कों की लंबाई करीब 600 किमी है. इसके अलावा हाइवे और सब-नगरीय क्षेत्र की सड़कें भी हैं, जिसपर यातायात व्यवस्था सुचारू रखना ट्रैफिक पुलिस की ही जिम्मेदारी है.