झारखंड विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को अनुमति देने पर आज, 21 फरवरी को पीएमएलए की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले पर फैसला कल सुनाया जाएगा.
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Hemant Soren के अधिवक्ता ने क्या दलीलें दीं?
मालूम हो कि 23 फरवरी से 2 मार्च तक झारखंड विधानसभा का सत्र आहूत है. सत्र में भाग लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएमएलए के विशेष अदालत से अनुमति मांगी है. इसके लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया है. इस मामले में 21 फरवरी को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए कहा कि भाजपा के कई विधायकों को पूर्व में कोर्ट से इसी संबंध में अनुमति मिली है.
अधिवक्ता ने कहा कि विधायक नलिन सोरेन और विधायक ढुल्लू महतो को भी इसी प्रकार से सत्र में शामिल होने की अनुमति मिली थी. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी सत्र में शामिल होने दिया जाए. अधिवक्ता ने कहा, चूंकि सत्र में हर दिन मनी बिल पर वोटिंग होती है, ऐसे में इनका वहां रहना जरूरी है.
हेमंत सोरेन को विश्वासमत में भाग लेने की मिली थी अनुमति
बता दें कि हेमंत सोरेन रांची के बड़गाई अंचल की 8.5 एकड़ जमीन से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में बंद हैं. इन्हें इस मामले में ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. उल्लेखनीय है कि इससे पहले हेमंत को विधानसभा में चंपाई सोरेन सरकार के विश्वासमत में भाग लेने के लिए कोर्ट से अनुमति मिली थी.