मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के विरोध में 24 को पदयात्रा करेंगे बंगाल के साधु-संत

बंगाल के साधु-संत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक टिप्पणी से बेहद नाराज हैं. उन्होंने सीएम से मांग की है कि वह इसके लिए माफी मांगें.

By Mithilesh Jha | May 22, 2024 9:47 AM

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियों के विरोध में साधु-संत कोलकाता की सड़कों पर नंगे पैर पदयात्रा करेंगे. शुक्रवार (24 मई) को उत्तर कोलकाता के ‘मायेर बाड़ी’ से स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास तक निकलने वाले जुलूस को ‘स्वाभिमान यात्रा’ नाम दिया गया है.

बंगाल का बंगीय संन्यासी समाज के बैनर तलेगा निकलेगी पदयात्रा

यह पदयात्रा बंगीय संन्यासी समाज नाम के संगठन के बैनर तले निकलेगी. संस्था की एक विज्ञप्ति के अनुसार, पदयात्रा शुक्रवार को शाम चार बजे बागबाजार स्थित मायेर बाड़ी से शुरू होकर गिरीश एवेन्यू, बागबाजार स्ट्रीट, श्यामबाजार पांचमाथ मोड़, बिधान सारणी होते हुए स्वामी विवेकानंद के आवास पहुंचेगी.

ममता बनर्जी ने संन्यासियों के खिलाफ की थी टिप्पणी

गौरतलब है कि हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासी कार्तिक महाराज और आसनसोल रामकृष्ण मिशन आश्रम के प्रधान संन्यासी के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी की थी. सुश्री बनर्जी ने कथित तौर पर कहा था कि वह कार्तिक महाराज को संन्यासी नहीं मानतीं. कार्तिक महाराज मुख्यमंत्री को कानूनी नोटिस भेजकर अपने बयान के लिए माफी मांगने को कह चुके हैं.

कार्तिक महाराज ने हाइकोर्ट से लगायी सुरक्षा की गुहार

मुर्शिदाबाद के बेलडांगा के भारत सेवाश्रम संघ के प्रमुख कार्तिक महाराज सुरक्षा की मांग को लेकर हाइकोर्ट पहुंचे. उन्हें आशंका है कि आश्रम पर हमला हो सकता है. उन्होंने बताया कि आश्रम में तोड़फोड़ करने की धमकी मिली है. इसलिए आश्रम की सुरक्षा को लेकर वह चिंतित हैं.

बंगाल के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से बात कर रहे हैं कार्तिक महाराज

मंगलवार को अपने वकील के माध्यम से उन्होंने हाइकोर्ट से सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश के लिए गुहार लगायी. उन्होंने यह भी साफ किया कि वह संन्यासी हैं. उन्हें किसी तरह का कोई डर नहीं है. मामले को लेकर वह राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से भी बात कर रहे हैं.

बोले स्वामी सुबीरानंद- रामकृष्ण मठ व मिशन का राजनीति से लेना-देना नहीं

हुगली के धनियाखाली में शनिवार को आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामकृष्ण मठ व मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के संतों पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया था.

जलपाईगुड़ी रामकृष्ण मिशन में हुआ था संतों पर हमला

उसी रात जलपाईगुड़ी रामकृष्ण मिशन में अज्ञात लोगों ने संतों पर हमला भी कर दिया था. सीएम के इस बयान की पीएम मोदी ने जमकर आलोचना की थी. इस विवाद पर मंगलवार को रामकृष्ण मठ व मिशन के महासचिव स्वामी सुबीरानंद महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

स्वामी सुबीरानंद बोले- हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं

उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मठ व मिशन एक गैर-राजनीतिक अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं. यहां रहने वाले महाराज और संतों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. हमलोग मतदान भी नहीं करते. स्वामी सुबीरानंद ने स्पष्ट किया कि रामकृष्ण मिशन अपने भक्तों के बीच किसी भी राजनीतिक विचारधारा को बढ़ावा नहीं देती है. भक्त मतदान के लिए स्वतंत्र हैं. हम चुनाव को लेकर कोई फतवा जारी नहीं करते. हम स्वामी विवेकानंद के आदर्श का पूरी तरह से अनुसरण करते हैं.

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