जयपुर : राजस्थान में नौ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. इनमें से सात तो जयपुर शहर के रामगंज क्षेत्र से हैं. इससे राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 129 हो गयी है. राज्य में कुल संक्रमितों में से 12 तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटे लोग हैं. नये मामलों में एक जोधपुर और एक झुंझुनूं का है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राजधानी जयपुर के रामगंज इलाके में गुरुवार (2 अप्रैल, 2020) को कोरोना वायरस से संक्रमित सात नये मामले सामने आये हैं. ये सभी इलाके में संक्रमित पाये गये पहले व्यक्ति के संपर्क में थे.
इससे पहले, बुधवार को राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमित 27 नये मरीज सामने आये थे. इनमें से 11 तबलीगी जमात से जुड़े लोग, जबकि 13 जयपुर के रामगंज इलाके से थे. इससे राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर कुल 120 हो गयी थी. अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के टोंक में चार व चुरु में सात लोग संक्रमित मिले हैं, जो दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात सेंटर (मरकज) के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
वहीं, अलवर जिले का एक मरीज एसएमएस में भर्ती था, जो पॉजिटिव पाया गया है. इसी तरह ईरान से जोधपुर लायी गयी 61 साल की एक महिला भी कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी है. जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती 65 साल के बुजुर्ग के भी पॉजिटिव पाये जाने से स्वास्थ्य अधिकारी चिंतित हैं. इस व्यक्ति का कोई यात्रा इतिहास नहीं है और न ही वह किसी रोगी के संपर्क में था. मामले की जांच की जा रही है.
इस तरह से राज्य में दो इतालवी नागरिकों सहित कुल 102 व ईरान से यहां लाये गये 18 नागरिक कोरोना के विषाणु से संक्रमित पाये गये हैं. इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात सेंटर (मरकज) या उसके आसपास के इलाके से राज्य में आये व्यक्तियों को लेकर अलर्ट जारी किया है.
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में तबलीगी जमात व इससे जुड़े 538 लोग आये हैं, जिन्हें चिह्नित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है और इनकी स्क्रीनिंग कर पृथक रखा जायेगा. राजधानी जयपुर में राज्य के सबसे अधिक 34 संक्रमित मरीजों के मिलने से जयपुर अब संक्रमण के लिए राज्य में सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र बन गया है.
जयपुर के रामगंज इलाके में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 13 नये मामले सामने आये हैं. ये सभी इलाके में संक्रमित पाये गये पहले व्यक्ति के संपर्क में थे. इस बीच, जयपुर प्रशासन ने जयपुर में लागू निषेधाज्ञा को आगे बढ़ा दिया है और बढ़ी संख्या में संक्रमित मरीजों के पाये जाने के बाद राजधानी के परकोटे क्षेत्र में अनिश्चितकालीन अवधि के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. चिकित्सा मंत्री शर्मा ने राज्य में हालात को चिंताजनक, लेकिन नियंत्रण में बताया.
राजधानी जयपुर में राज्य के सबसे अधिक 34 संक्रमित मरीजों के मिलने से जयपुर अब संक्रमण के लिए राज्य का ‘हॉट स्पॉट’ बन गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राजधानी जयपुर के रामगंज इलाके में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 13 नये मामले सामने आये हैं.
जयपुर के शहरी क्षेत्र के अंदर घनी आबादी वाले रामगंज इलाके में पहले 13 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे, उनमें से 11 लोग इलाके के फूटा खुर्रा में एक बहुमंजिली इमारत में रहने वाले एक परिवार के लोग थे. जयपुर के सात पुलिस थाना क्षेत्रों में लागू कर्फ्यू और निषेधाज्ञा को अनिश्चितकालीन तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
जिला कलेक्टर जोगाराम ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी सार्वजनिक स्थान, धार्मिक स्थान और किसी कार्यक्रम में पांच या इससे अधिक लोगों का उपखंड अधिकारी की बिना अनुमति के एकत्रित होना गैर-कानूनी है और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय है. उन्होंने कहा कि जैसा कि कई लोगों को एक साथ घरों की छतों पर देखा गया है, इसलिए प्रशासन ने ड्रोन की सहायता से कर्फ्यू पर निगरानी रखने का निर्णय लिया है.
रामगंज इलाके में एक 45 वर्षीय व्यक्ति, जिसका मध्य-पूर्व देशों की यात्रा का इतिहास है, 12 मार्च को दिल्ली हवाई अड्डे पर आया था. वहां से बस पकड़कर उसी दिन जयपुर घर आया था. वह 26 मार्च को जांच में संक्रमित पाया गया था. इस दौरान वह कई लोगों के संपर्क में आया, जिससे यह संक्रमण फैला. एक दिन के बाद उसके दोस्त और 10 परिजनों के कोरोना वायरस संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी.
जयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा ने बताया कि विभाग बहुत नजदीकी से स्थिति पर निगरानी बनाये हुए है. संक्रमित मरीजों के संपर्क में आये लगभग 125 लोगों को पृथक सुविधा में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि शहर के परकोटे में 70,000 से अधिक लोगो की स्क्रीनिंग की गयी है और लगभग 15,000 घरों में स्वास्थ्य विभाग के दलों ने सर्वे किया है.
श्री शर्मा ने लोगों से अपील की है कि बुखार, कफ और सर्दी के लक्षण पाये जाने पर 181 सेवा का उपयोग करें. राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन जारी है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें राज्य भर में संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर सर्वे और जांच के काम में लगी हुई है.