राजस्‍थान के जालौर की चिंगारी पहुंची दिल्ली, ‘आप’ ने किया कांग्रेस मुख्‍यालय के सामने प्रदर्शन

मामले को लेकर राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किये हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के संबंध में पूर्व के मामलों का परीक्षण करवाया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2022 12:43 PM

राजस्‍थान के जालौर में हुई घटना की चिंगारी राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुकी है. गुरुवार को आम आदमी पार्टी यानी आप (AAP) के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का वीडियो भी सामने आया है जिसमें नजर आ रहा है कि आप के कार्यकर्ता हाथों में तख्‍ती लिये हैं और नारे लगा रहे हैं. आप कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. आपको बता दें कि पिछले दिनों खबर आयी थी कि एक 9 साल के बच्‍चे की पिटाई से मौत हो गयी थी. टीचर के द्वारा उसकी पिटाई की गई थी.


SC-ST एक्ट की मुआवजा राशि दी गई

मामले को लेकर राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किये हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के संबंध में पूर्व के मामलों का परीक्षण करवाया जा रहा है. इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है जिससे फास्ट ट्रैक ट्रायल करवाया जा सके. अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि SC-ST एक्ट की मुआवजा राशि व मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि दी गई है. इसके अतिरिक्त AICC के निर्देश पर पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदेश कांग्रेस कमिटी द्वारा दी जा रही है.


आरोपी की त्वरित गिरफ्तारी

अपने तीसरे ट्वीट में राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा कि जालौर में 9 साल के मासूम बच्चे की मृत्यु से पूरा देश आहत है. अहमदाबाद में विधायक जीवेश मेवनी ने मिलकर घटना पर चर्चा की. इस दुख में सभी समाज परिवार के साथ है. घटना के बाद आरोपी की त्वरित गिरफ्तारी की जा चुकी है.

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ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का बयान

इधर राजस्‍थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने जालौर की घटना को लेकर बयान दिया है जिसकी चर्चा पूरे राज्य में हो रही है. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो मूल रूप से बसपा के चुनाव चिन्ह पर निर्वाचित हुए विधायक कांग्रेस नीत सरकार से समर्थन वापस लेने से पीछे नहीं हटेंगे. यही नहीं मंत्री ने आगे कहा कि किसी भी अपराध को किसी समाज विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. गुढ़ा उन छह विधायकों में से हैं जिन्‍होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा की टिकट पर जीता था लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गये थे.

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