राजस्थान की अजमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा से कांटे की टक्कर रही है. दोनों पार्टियों का यहां एक बराबर बर्चस्व रहा है. आजादी के बाद बीजेपी के उदय के पहले इस सीट पर कांग्रेस का एकछत्र राज हुआ करता था. 1977 में कांग्रेस को इस सीट पर पहली बार हार का स्वाद चखना पड़ा था. जनता पार्टी के श्रीकरण शारदा ने कांग्रेस को इस सीट पर पहली बार हराया. बीजेपी इस सीट पर पहली बार 1991 में जीती. रासा सिंह रावत लगातार दो टर्म यहां से सांसद चुने गए. आखिरी दो लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है. मोदी लहर में सवार बीजेपी ने यहां 2014 और 2019 में जीत दर्ज की. हालांकि 2018 के उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत हुई थी, लेकिन रघु शर्मा ने तुरंत ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
अजमेर का इतिहास
अजमेर एक ऐतिहासिक जगह है. इस शहर को सातवीं शताब्दी में अजयराज सिंह, जो एक चौहान राजा थे, उन्होंने बसाया था. आरंभ में इसका नाम अजयमेरु था. यहां मुगलों ने भी राज किया. अजमेर मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह के लिए भी फेमस है. 2011 के सर्वे के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 26,36,370 है. यहां की साक्षरता दर 59.83 प्रतिशत है.
अजमेर लोकसभा क्षेत्र में जाति के आधार पर जनसंख्या
जाति | जनसंख्या % |
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बौद्ध | 0.02% |
ईसाई | 0.10% |
गुज्जर | 12.50% |
जैन | 1.71% |
जाट | 13.13% |
मुसलमान | 8.80% |
राजपूत | 6.25% |
रावत | 9.38% |
अनुसूचित जाति | 19.50% |
अनुसूचित जनजाति | 3% |
सिख | 0.27% |
वैश्य | 9.07% |
2019 के अनुसार अजमेर संसदीय सीट में कुल मतदाता- 1862158
शहरी मतदाता- 627547
ग्रामीण मतदाता- 1234611
एससी मतदाता- 363121
एसटी मतदाता- 55865
मुस्लिम मतदाता- 163159
अजमेर से विजयी उम्मीदवार
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1952 – कांग्रेस, ज्वाला प्रसाद शर्मा, मुक्तबिहारी लाल भार्गव
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1957 और 1962 – कांग्रेस, मुकट बिहारी लाल भार्गव
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1967 और 1971- कांग्रेस, बी एन भार्गव
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1977 – जनता दल, श्रीकरण शारदा
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1980 – कांग्रेस, भगवान देव आचार्य
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1984 – कांग्रेस, विष्णु कुमार मोदी
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1989, 1991 और 1996- बीजेपी, रासा सिंह रावत
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1998- कांग्रेस, प्रभा ठाकुर
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1999 और 2004 – बीजेपी, रासा सिंह रावत
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2009- कांग्रेस, सचिन पायलट
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2014- बीजेपी, सांवर लाल जाट
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2018 उपचुनाव- कांग्रेस, रघु शर्मा
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2019- बीजेपी, भागीरथ चौधरी