जैसलमेर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के 57वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित समारोह में शिरकत की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज बीएसएफ का 57वां स्थापना दिवस है. स्थापना के बाद पहली बार आज बीएसएफ का स्थापना दिवस देश की सीमा के ज़िले में मनाने का निर्णय लिया गया है. इस परंपरा को जारी रखना चाहिए. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि देश के सुरक्षा बलों को जल्द ही ड्रोन रोधी तकनीक से लैस कर दिया जाएगा.
इसके साथ ही, बीएसएफ के 57वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि देश के पुलिस बल, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से अधिक जवानों ने अलग-अलग जगह पर अपना बलिदान दिया है. मुझे गर्व है कि बीएसएफ इसमें अग्रणी है. मैं सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी जवानों को देश की तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं. आज दुनिया का सबसे बड़ा सीमाओं की रक्षा करने वाला बल बीएसएफ है.
अमित शाह ने कहा कि आज़ादी मिले हुए 75 वर्ष हो गए हैं और पीएम मोदी जी ने इस वर्ष को अमृत महोसव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. जब आजादी की शताब्दी होगी यानी आज से 25 साल तक तब 75 से 25 साल का ये कालखंड अमृतकाल के रूप में देखेगा भी और इसके लक्ष्य तय कर मनाएगा भी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सीमाओं पर घुसपैठ पर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की है और बीएसएफ को दुनिया की बेहतरीन तकनीक मुहैया कराना सरकार की प्रतिबद्धता है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में ड्रोन रोधी तकनीक विकसित की जा रही है. ड्रोन रोधी तकनीक देश के सुरक्षाबलों को जल्द ही मुहैया कराई जाएगी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों की ओर से हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है.